गैंगस्टर मोनी ने हरिद्वार में बनाई थी जिंदी की हत्या की योजना Ludhiana news
कार पर लगाई गई नंबर प्लेट शहर में बनी थी। सुखविंदर मोनी ने वारदात को अंजाम देने के लिए हरिद्वार के सुमित चोटी के साथ साथ शहर के पांच अन्य आरोपितों को भी अपने साथ मिलाया था।
लुधियाना, जेएनएन। हरजिंदर जिंदी की 24 जनवरी को हुई हत्या के मामले में पुलिस ने हरिद्वार से प्रोडक्शन वारंट पर लाए गैंगस्टर सुखविंदर मोनी के भाई समेत पांच लोगों को नामजद किया है। पुलिस ने इस मामले में दो अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन फरार हैं। सीपी ने बताया कि जिंदी की हत्या की योजना हरिद्वार में बनी थी। जबकि, कार पर लगाई गई नंबर प्लेट शहर में बनी थी। सुखविंदर मोनी ने वारदात को अंजाम देने के लिए हरिद्वार के सुमित चोटी के साथ साथ शहर के पांच अन्य आरोपितों को भी अपने साथ मिलाया था।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बुधवार को पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने बताया कि हरजिंदर जिंदी की हत्या करने से पहले सुखविंदर मोनी ने अंबाला में एक व्यापारी को फिरौती के लिए गोली मार दी थी। मगर वह बच गया। इसके बाद उसने हरिद्वार से वैगनार कार छीनी थी और इस पर लुधियाना का नंबर लगाकर जिंदी की हत्या की थी। सीपी ने बताया कि उसके साथी मनी कुमार निवासी लेबर कॉलोनी और जतिन कुमार निवासी जवाहर नगर कैंप लुधियाना ने कार के लिए फर्जी नंबर प्लेट तैयार करवाईं थीं। इसके अलावा डिस्कवर मोटरसाइकिल पर सवार होकर जिंदी की रेकी की थी ।
हत्या के बाद दर्पण सिंगला और राकेश बाला ने मोनी को अपने पास रखा था। यही नहीं सुखविंदर मोनी के भाई हरविंदर सिंह ने मोनी का हरजिंदर जिंदी से समझौता करवा दिया था और इस कारण ही जिंदी बेपरवाह होकर घूम रहा था। अब पुलिस ने मनी कुमार निवासी जवाहर नगर कैंप, जतिन कुमार जवाहर नगर कैंप, दर्पण सिंगला शाम नगर, राकेश बाला जवाहर नगर और हरविंदर सिंह मोनी को नामजद किया है। इनमें से मनी और जतिन को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि दर्पण सिंगला, जतिंदर कुमार और हरविंदर पाल गिरफ्त से बाहर हैं।
45 लोगों का गिरोह, मोनी पर दर्ज हैं 20 मामले
गैंगस्टर सुखविंदर मोनी ने पहली वारदात अगस्त 2010 में की थी। उसने एक युवक को जान से मारने की नियत से हमला किया था। इसके बाद उसने बीस वारदात की हैं। उसे बैंक डकैती के आरोप में दो बार पकड़ा भी जा चुका है। उसका 45 कुख्यात आपराधियों का गिरोह था, जिसमें से पांच आरोपित मारे जा चुके हैं। 15 से 20 सदस्य जेलों में हैं।
एटीएम लूट के 23 लाख रुपये अभी भी रहस्य
पखोवाल रोड से 23 अक्तूबर को पीएनबी बैंक की एटीएम मशीन ही लूट ली गई थी। इसके बाद पुलिस ने पीएयू के एरिया में कुछ युवकों को पकड़ा था और दावा किया कि इन लोगों ने ही एटीएम लूटा है, जिसमें 23 लाख रुपए थे। सात दिन प्रोडक्शन वारंट के बावजूद पुलिस पता नहीं लगा पाई है। सीपी ने बताया कि मोनी के अनुसार पैसे किसी और के पास हैं।
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