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Ganesh Chaturthi 2022: लुधियाना में गणपति उत्सव की धूम, विशाल पंडाल बने आकर्षण का केंद्र

Ganesh Chaturthi 2022 औद्याेगिक शहर में गणपति उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। जनकपुरी में शुरू हुए उत्सव में सुबह से ही श्रद्धालु अपने परिवार के साथ पहुंचने शुरू हो गए। गणपति जी की विशाल प्रतिमा देखने याेग्य है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2022 12:49 PM (IST)Updated: Wed, 31 Aug 2022 12:49 PM (IST)
Ganesh Chaturthi 2022: लुधियाना में गणपति उत्सव की धूम, विशाल पंडाल बने आकर्षण का केंद्र
Ganesh Chaturthi 2022: लुधियाना के जनकपुरी में स्थापित गणपति की प्रतिमा और आकर्षक पंडाल। (जागरण)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Ganesh Chaturthi 2022: औद्योगिक शहर में गणपति उत्सव शुरू हो गया है। वैसे तो शहर भर में गणपति प्रतिमा स्थापित कर पूजन शुरू हुआ है, लेकिन कुछ पंडाल अपनी विशेष सजावट से आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। जनकपुरी में शुरू हुए गणपति उत्सव में सुबह से ही श्रद्धालु अपने परिवार के साथ पहुंचने शुरू हो गए।

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गणपति जी की विशाल प्रतिमा और पंडाल की सजावट देखने योग्य है। आयोजकों का कहना है कि पूरे 10 दिन चलने वाले उत्सव पर विशेष कार्यक्रम होंगे और संध्या के समय आरती में जुटने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि किसी तरह की समस्या न हो।

नौ अगस्त को हाेगा विसर्जन

उधर, गणेश सेवा परिवार की ओर से हैबोवाल की 22 फुटी रोड पर स्थापित विशाल प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है। यहां 31 अगस्त से 8 सितंबर तक रोजाना संध्या के समय विशेष आयोजन होेंगे और नौ अगस्त को दोपहर एक बजे प्रतिमा विसर्जन के लिए शोभायात्रा निकलेगी।

दरेसी मैदान में लगेगा मेला

उधर, बीआरएस नगर में राजा का दरबार में भी विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है और यहां प्रत्येक शाम अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित होंगे। दरेसी मैदान में गणपति उत्सव कमेटी की ओर से विशेष आयोजन किया गया है। यहां लगने वाले मेले में भी लोग आनंद उठा सकेंगे।

पूजन के दाैरान इन बाताें का रखें ध्यान

  • गणपति के घर आगमन पर शंख बजाएं, घर में गंगाजल छिड़कें।
  • विघ्नहर्ता को विराजमान करने पर लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा जरूर बिछाएं।
  • पूजन में पान के पत्ते को गंगाजल में डुबोकर गणपति का स्नान करवाएं।
  • स्नान उपरांत पीले वस्त्र पहनाएं। पीले रंग की मौली भी बांध सकते हैं।
  • अक्षत और कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • ओम गण गणपतये नम: मंत्र का 21 बार जाप करें।
  • पूजन के दौरान सामने चावलों के ऊपर तांबे या चांदी का कलश जल से भरकर जरूर रखें।
  • कलश को मूर्ति के दाईं तरफ ही रखें। शुद्ध देसी घी की दीप जलाएं और उसे भी दाईं तरफ ही रखें।
  • सीधे हाथ में जल लेकर गणपति पूजन का संकल्प लेते हुए गणपति महाराज का विराजमान करवाएं।
  • गणपति की मिट्टी से बनी प्रतिमा का पूजन शुभ माना जाता है।

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