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पंजाब में आयुष्मान योजना के तहत फ्री इलाज हुआ बंद, बीमा कंपनी ने क्लेम देने से किया इन्कार

पंजाब में आयुष्यान भारत सेहत बीमा योजना के तहत मुफ्त इलाज बंद हो गया है। दरअसल बीमा कंपनी ने इलाज के लिए पैसे देने से मना कर दिया है। सेहत विभाग ने अब नई बीमा कंपनी की तलाश शुरू कर दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 11:23 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 05:54 PM (IST)
पंजाब में आयुष्मान योजना के तहत फ्री इलाज हुआ बंद, बीमा कंपनी ने क्लेम देने से किया इन्कार
पंजाब में फ्री इलाज हुआ बंद। सांकेतिक फोटो

नितिन सिंगला, बठिंडा। आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को पांच लाख रुपये तक मिलने वाली सेहत सुविधा पर ग्रहण लग गया है। सरकार और बीमा कंपनियों के बीच चल रहे विवाद के कारण राज्य के सेहत विभाग ने बीमा कंपनी को योजना से बाहर कर दिया और नई बीमा कंपनी की तलाश शुरू कर दी है। उधर, कंपनी ने भी 29 दिसंबर के बाद कोई भी क्लेम देने से अस्पतालों को इन्कार कर दिया है।

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खास बात यह है कि पंजाब सरकार ने पुरानी बीमा कंपनी को 30 जनवरी तक 2022 तक राज्य के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में योजना के तहत होने वाले इलाज का क्लेम करने के आदेश दिए थे। वहीं, उक्त बीमा कंपनी ने दो दिन पहले सेहत विभाग के साथ आइएमए पंजाब और सभी प्राइवेट अस्पतालों को एक ई-मेल भेजकर बताया है कि 29 दिसंबर 2021 के बाद आयुष्मान योजना के तहत होने वाले इलाज का क्लेम उनकी कंपनी द्वारा नहीं किया जाएगा।

कंपनी की तरफ से भेजी गई ई-मेल के बाद राज्य के सभी निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है और उन्हें बीती वीरवार से आयुष्मान योजना के तहत नए मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया, जबकि पुराने मरीजों को अस्पताल से छुट्टी की जा रही है। इसके साथ मरीजों को कहा जा रहा है कि अब योजना के तहत इलाज नहीं होगा, अगर उन्हें इलाज करवाना है, तो उसके पैसे देने होंगे। ऐसे में निजी अस्पतालों की तरफ से बीच में इलाज बंद करने से मरीजों व उनके परिजनों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

गंभीर बीमारी वाले मरीजों को मजबूरन अपने खर्च पर महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है। उधर, प्राइवेट अस्पतालों के डाक्टरों का कहना है कि उनकी भी मजबूरी है, चूंकि पुरानी बीमा कंपनी ने क्लेम देने से साफतौर पर इन्कार कर दिया है, जबकि 29 दिसंबर के बाद एक प्राइवेट अस्पताल 15 से 20 मरीजों का योजना के तहत फ्री इलाज कर चुका है। ऐसे में अब कंपनी ने पैसे देने के समय अपने हाथ पीछे खींच लेने से उन्हें भी लाखों रुपये का आर्थिक नुक्सान हो रहा है, इसलिए जब तक नई बीमा कंपनी नहीं आती, तब तक वह योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं करेंगे।

उधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वाइस प्रधान डा. विकास छाबड़ा ने इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि जब तक सरकार इसका कोई स्थाई हल नहीं निकालती या फिर नई बीमा कंपनी नहीं आती है। निजी अस्पताल योजना के तहत इलाज नहीं करेंगे।

बठिंडा जिले में ही हैं 3.28 लाख कार्डधारक

बठिंडा जिले की बात करें तो यहां कुल 3.28 लाख आयुष्मान कार्डधारक हैं। इसमें से पिछले साल 95 हजार लोग आयुष्मान कार्ड के तहत बीमारियों को इलाज करवा चुके हैं जिसमें सबसे अधिक 21 हजार डायलसिस के केस थे।

2019 में शुरू हुई थी योजना

पंजाब की ओर से राज्य में 20 अगस्त 2019 को आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना का शुभारंभ किया गया था। सरकार ने जरूरतमंद परिवारों को पांच लाख तक की मेडिकल सुविधा निशुल्क मुहैया करवाने के उद्देश्य से योजना शुरू की थी। इसमें होने वाला खर्च केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा 60:40 के अनुपात में वहन किया जाता है।


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