काट्रेक्टर ने छोड़ी वसूली, रेलवे स्टेशन की पार्किग फ्री
लुधियाना रेलवे स्टेशन पार्किग का रेट हाई होने और अधिकारियों की मनमानी से काट्रेक्टर टिक नहीं पा रहा है। पिछले 6 वर्ष तक पार्किग टेंडर नहीं होने से टीटीई पार्किग वसूली करवा रहे थे।
डीएल डॉन, लुधियाना : लुधियाना रेलवे स्टेशन पार्किग का रेट हाई होने और अधिकारियों की मनमानी से काट्रेक्टर टिक नहीं पा रहा है। पिछले 6 वर्ष तक पार्किग टेंडर नहीं होने से टीटीई पार्किग वसूली करवा रहे थे। काट्रेक्टर ने अब काम छोड़ दिया है। 10 सितंबर से पार्किग वसूली बंद है और रेलवे ने अभी पार्किग फ्री कर दी है।
बता दें कि काट्रेक्टर ने 1.08 करोड़ में बोली लगाकर पार्किग का ठेका लिया था। इस राशि पर 5 प्रतिशत जीएसटी भी देना पड़ रहा था। वहीं पार्किग काट्रेक्टर ने कहा कि घाटा होने से उन्होंने काम छोड़ दिया। पार्किग सूत्र बताते हैं कि रेलवे की ओर से 20 लाख रुपये जामा राशि ली गई। उसके बाद बोली फाइनल हुई। अब आलम यह था कि अभी तक काट्रेक्टर को 20 लाख भी उगाही ही नहीं हुई। इसी कारण उसने काम छोड़ दिया है। रेलवे को रोज एक लाख रुपये से अधिक का नुकसान
रेलवे स्टेशन पर 10 सितंबर से पार्किग की वसूली बंद है। इससे रेलवे को प्रतिदिन लाख से उपर का नुकसान हो रहा है। पार्किग टेंडर धारक ने लगातार घाटे से हताश टेंडर धारक ने काम बंद कर रेलवे को लिखित दे दिया कि वह पार्किग काट्रेक्ट नहीं चला पाएंगे। काट्रेक्टर को करीब 25 लाख का घाटा होने की चर्चा है। वर्षो के बाद भी टेंडर विफल
वर्ष 2012 में लुधियाना रेलवे का टेंडर हुआ था जिसके तहत ट्रेंडर धारक वसूली करते थे। पार्किग वसूली राशि जमा नहीं करने के बाद बीच में कई बार टेंडर के लिए आवेदन लिए गए पर बोली नहीं हो पाई। वर्ष 2018 में बड़ी मुश्किल से टेंडर दिया गया। इस टेंडर में पिछले टेंडर के मुकाबले कुछ प्रतिशत कम राशि लेकर टेंडर जारी हुआ। जल्द हल करवाएंगे पार्किग समस्या : डीआरएम
फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम विवेक कुमार ने कहा कि इस समस्या का हल जल्द निकालेंगे। वहीं स्टेशन अधीक्षक अशोक सिंह सलारिया ने कहा कि रेलवे द्वारा जल्द कोटेशन वर्क पूरा करवाया जाएगा। 15 दिनों में कोटेशन लेकर महीने में नया टेंडर हो जाएगा। जब पूछा गया कि तब तक पार्किग फ्री चलेगा तो उन्होंने कहा कि इस संबंधी शीर्ष अधिकारी जल्द निर्देश जारी करेंगे। हो सकता है टेंडर जारी होने तक सीआइटी फिर से वसूली करवाए।