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लुधियाना में 20 हजार के लिए दिव्यांग की हत्या कर शव नहर में फेंका, दो आरोपित दबोचे

चरणजीत सिंह (45) की एक टांग में पोलियोग्रस्त थी। वह ज्ञान चंद नगर में अकेला रहता था। छह अक्टूबर को भाई बलजीत मिलने गया तो पाया कि वह दो अक्टूबर की रात से गायब है। पूछताछ में पता चला कि उस रात आरोपितों से उसका झगड़ा हुआ था।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 02:29 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 02:29 PM (IST)
लुधियाना में 20 हजार के लिए दिव्यांग की हत्या कर शव नहर में फेंका, दो आरोपित दबोचे
लुधियाना पुलिस को शक है कि मात्र बीस हजार रुपये के लिए चरणजीत की हत्या की गई है। (सांकेतिक फोटो)

लुधियाना, जेएनएन। केवल 20 हजार रुपये के लेन-देन को लेकर एक ही परिवार के चार लोगों ने दिव्यांग की चाकू मारकर हत्या कर दी और शव को सिंधवां नहर में फेंक दिया।  थाना डाबा पुलिस ने चार लोगों पर केस दर्ज करके दो को गिरफ्तार किया है। फरार आराेपितों व मृतक के शव की तलाश की जा रही है।

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एएसआई मीत राम ने बताया कि मृतक की पहचान लोहारा के ज्ञान चंद नगर की गली नंबर 6 निवासी चरणजीत सिंह (45) के रूप में हुई। पकड़े गए दो आरोपित बसंत नगर निवासी वीरम सिंह उर्फ बिट्टू तथा सिमरन सिंह हैं। मामले में वीरम सिंह के भाई गुरदित सिंह तथा दुपिंदर सिंह की पुलिस को तलाश है। पुलिस ने डाबा के गुरु नानक नगर निवासी बलजीत सिंह की शिकायत पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया। अपने बयान में बलजीत ने बताया कि उसके भाई चरणजीत की बाई टांग पोलियो का शिकार हो गई थी। इस कारण उसने शादी नहीं की थी। वाे ज्ञान चंद नगर में अकेला रहता था। हालांकि वे एक-दूसरे से मिलने आते-जाते रहते थे।

इस बार जब कई दिन तक वह नहीं आया तो वह 6 अक्टूबर को उसके घर चला गया। घर के बाहर ताला लगा हुआ था। आस-पड़ोस में पूछने पर पता चला कि वह 2 अक्टूबर की रात से गायब है। उसके बाद वो घर वापस नहीं आया है। बलजीत सिंह ने जब चरणजीत के दोस्त नरिंदर सिंह उर्फ राम जाने से पूछा तो उसने बताया कि 2 अक्टूबर की रात 9 बजे वह उसे वीरम सिंह के घर छोड़ कर आया था। चरणजीत ने वीरम से 20 हजार रुपये लेने थे। पैसों के लेन-देन को लेकर दोनों के बीच काफी गर्मागर्मी हुई थी। मगर उसे कहीं जाना था, इसलिए वह चरणजीत को वहां छोड़ कर चला गया था।

इस बात का पता चलने पर बलजीत सिंह वीरम सिंह के घर पहुंचा और अपने भाई के बारे में पूछा। मगर उन लोगों ने उसके बारे में कुछ भी पता होने से इन्कार कर दिया। इसके बाद वह पुलिस के पास गया। पुलिस ने जब सभी अारोपितों को थाने लाकर पूछताछ की तो उन सबके बयान अलग-अलग पाए गए। इससे पुलिस का उन पर शक बढ़ गया। सख्ती करने पर आरोपितों ने कबूल कर लिया कि उस रात उनके बीच झगड़ा हुआ। जिसके बाद उन्होंने मिलकर चरणजीत को बुरी तरह से पीट दिया। उसके बाद उसे घायल हालत में आटो रिक्शा में डाल कर ले गए। रास्ते में चाकू मार कर उसकी हत्या करने के बाद शव को नहर में फेंक दिया। मीत राम ने कहा कि फिलहाल आरोपितों पर अगवा करने की धारा लगाई गई है। मगर शव बरामद होने के बाद हत्या की धारा जोड़ दी जाएगी।

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