Shifting के दौरान सामान को पहुंचा नुकसान, Company को देना पड़ेगा 42 हजार रुपये जुर्माना
शिफ़्टिंग के दौरान सामान को पहुंचे नुकसान को लापरवाही करार देते हुए उपभोक्ता फोरम ने ट्रांसपोर्ट नगर की कंपनी को 42 हजार रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है।
जेएनएन, लुधियाना। एयरफोर्स जवान के सामान को शिफ़्टिंग के दौरान पहुंचे नुकसान को लापरवाही करार देते हुए उपभोक्ता फोरम ने ट्रांसपोर्ट नगर की एक कंपनी को 42 हजार रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जीके धीर व सदस्य ज्योति साहना थथई ने इसके अलावा उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के लिए कंपनी को पांच हजार रुपये व पांच हजार रुपये केस खर्च के रूप में अदा करने का भी आदेश दिया है।
इस संबंध में शिकायतकर्ता मनोज कुमार एयरफोर्स स्टेशन बरनाला ने उपभोक्ता फोरम में दायर अपनी शिकायत में बताया था कि पहले उसकी पोस्टिंग बरनाला में थी। उसकी बदली भागलपुर बिहार में हो जाने के चलते उन्होंने अपने घर का सामान शिफ्ट करने के लिए उपरोक्त कंपनी के साथ संपर्क किया था। जिन्होंने आश्वास्त किया था कि वो एक बेस्ट मूवर्स कंपनी है, जिस पर उन्होंने उपरोक्त कंपनी की सेवाएं लेते हुए उन्हें 40 हजार रुपये अदा किये थे। लेकिन कंपनी ने मात्र 23 हजार छह सौ रुपये का इनवोयस नोट काटा था, जिसमें बाकायदा लुधियाना से बिहार जाने वाले लगभग 35 आॅर्टीकल्स की सूची भी दर्ज थी। जिसमें उनका महत्वपूर्ण सामान टू-व्हीलर व अन्य इलेक्ट्राॅनिक्स सामान शामिल था, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उपरोक्त सामान जब बिहार में पहुंचा तो वो सामान टूट-फूट की हालत में था। जिनमें उनके महत्वपूर्ण इलेक्ट्राॅनिक रेफ्रीजरेट, टीवी चलने की हालत में नहीं थे, जोकि एक वेस्ट आइटम होकर रह गए थे।
शिकायतकर्ता ने अदालत में इस दावे को साबित करने के लिए सामान संबंधी फोटोग्राफ व अन्य दस्तावेज फोरम में लगाए थे। यहां तक कि शिकायतकर्ता ने इस संबंधी पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई थी। जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। और उन्हें उपभोक्त फोरम का दरवाजा खटखटाना पड़ा। फोरम ने उपभोक्ता की तरफ़ से पेश तस्वीरें देखने के बाद पाया कि उपरोक्त कंपनी द्वारा उसका सामान सही हालत में नहीं पहुंचाया गया था और इस लापरवाही के चलते शिकायतकर्ता को नुकसान हुआ।इसके चलते फोरम ने कंपनी को जहां 42 हजार रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश दिया। फैसला सुनाते हुए दुकानदार को फैसले की काॅपी मिलने के 30 दिन के भीतर कुल चार हजार रुपये हर्जाना शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिया। फोरम की तरफ से नोटिस भेजे जाने के बावजूद ट्रांसपोर्ट कंपनी वाले केस लड़ने के लिए पेश नहीं हुए।