कोरोना काल में गरीबों तक नहीं पहुंचा राशन और चूहों की लग गई मौज
थानों में राशन पहुंच गया और मालखाने में जमा कर दिया गया। इसी दौरान एक नया फरमान आया कि अब पुलिस राशन नहीं बाटेगी।
लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। पंजाबी खिलाने-पिलाने में हमेशा से ही दिलदार रहे हैं। कोरोना काल में भी पंजाबियों ने जमकर राशन बाटा। जरूरतमंदों की संख्या ज्यादा होने से प्रशासन ने भी राशन किट्स की व्यवस्था की। इसे जिला पुलिस के मार्फत लोगों तक पहुंचाने का प्लान बनाया गया। थानों में राशन पहुंच गया और मालखाने में जमा कर दिया गया। इसी दौरान एक नया फरमान आया कि अब पुलिस राशन नहीं बाटेगी। फिर इसके वितरण की जिम्मेदारी फूड एवं सप्लाई विभाग को दे दी गई। विभाग के पास लाखों किट्स पहुंच चुकी हैं लेकिन उसे वितरित करने के लिए स्टाफ नहीं है। राशन थानों के मालखाने में पड़ा है और चूहे उसे खाकर खूब मौज कर रहे हैं। अब एक इंस्पेक्टर सुमित कुमार से राशन वितरण में लेटलतीफी को लेकर जब पूछा गया तो वह बोले कि इसके लिए प्लान बन चुका है। जल्द ही जरूरतमंद लोगों तक राशन की किट्स पहुंचा दी जाएंगी।
सोना चुराकर फंस गया चोर
कोरोना महामारी के कारण लाखों लोगों का रोजगार छिन गया। आर्थिक समस्या पैदा हुई तो इसने कई लोगों को चोर बना दिया। अब जब समय बुरा हो तो आदमी कुछ नहीं कर सकता। ताजा किस्सा बताते हैं। एक चोर ने कहीं से जेवरात उड़ाए और उसे सराफा बाजार में बेचने पहुंचा। व्यापारियों ने वह जेवर लेने से मना कर दिया। तभी वह एक व्यापारी के संपर्क में आया। उसने औने-पौने रेट पर उससे सोना खरीद लिया। जाच करते हुए पुलिस के हाथ इस चोर तक पहुंच गए। पुलिस ने जब मौलाबख्श (डंडे) से सेवा की तो वह उस ज्वेलर के पास लेकर पहुंच गया। पुलिस ने धमकाया तो चोर से खरीदा सोना उससे बरामद कर लिया। बाजार में ही चर्चा शुरू हुई तो उनमें से एक व्यापारी गोपाल ने कहा कि अब तो पुराना सोना खरीदना जोखिम भरा है। पता नहीं इस मंदी में कौन कहा से चुराकर लाया हो।
एक से चला रहे काम
कोरोना के दौरान बड़ी संख्या में श्रमिक पलायन कर गए। कुछ कारोबारियों ने व्यापार ठंडा होने के कारण नौकरों की छुट्टी कर दी। इस समय दुकानदार संकट से गुजर रहे हैं। सराफा बाजार में पहले हर दुकानदार के पास अपना नौकर होता था। अब हालत यह है कि कुछ दुकानदारों के पास ही नौकर बचे हैं। आसपास के दुकानदार पड़ोसी के नौकर से ही ज्यादा काम निकलवाते हैं। जिस दुकानदार को जरूरत होती है, वह नौकर को फोन लगाकर बुला लेता है और उससे अपना काम निकलवा लेता है। चूंकि सभी दुकानदार आपस में साथी हैं तो नौकर को मजबूरी में उनका आदेश मानना पड़ता है। परेशान नौकर भी हैं और उनकी भागदौड़ दस गुना बढ़ गई है। दुकानदार गोगना ने अपने साथियों से कहा कि यार मेरे नौकर को इतना मत दौड़ाओ कि वह भी यहा से छोड़कर भाग जाए और फिर हमें भी दूसरों का नौकर ढूंढ़ना पड़े।
अलर्ट हैं यहां के दुकानदार
भले ही सबसे बड़ी दवा मार्केट पिंडी स्ट्रीट में कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन नहीं हो रहा है, लेकिन बाजार में किसी के पॉजिटिव आने पर दुकानदार सक्रिय जरूर हो जाते हैं। ऐसा ही मामला यहा देखने को मिला। शहर के एक मेडिकल स्टोर का मालिक कोरोना पॉजिटिव आया। उनका एक का¨रदा रोजाना पिंडी स्ट्रीट की अलग-अलग दुकान से दवाएं खरीदकर ले जाता था। अब बाकी दुकानदार भी अलर्ट हो गए। वह बाजार में पहुंचा तो एक व्यापारी ने बाकियों को बताया कि इसका मालिक संक्रमित आया है। इस पर फैसला लिया कि अभी उससे संपर्क न स्थापित किया जाए। इतना ही नहीं, होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन ने तो बाजार में अनाउंसमेंट भी करवा दी कि इस का¨रदे को न तो माल बेचें और न ही उससे संपर्क करें। वह आए तो उसे आग्रह करके लौटा दिया जाए। जब तक उसका मालिक ठीक नहीं होता, उनसे कारोबार न किया जाए।