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DSP समेत पांच पुलिसकर्मी नशीले पदार्थों का झूठा केस दर्ज करने मामले में दोषी करार, गिरफ़्तारी वारंट जारी

लुधियाना की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने एक व्यक्ति को नशे के मामले में झूठा फंसाने के आरोप में डीएसपी समेत पांच पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 08:34 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 05:01 PM (IST)
DSP समेत पांच पुलिसकर्मी नशीले पदार्थों का झूठा केस दर्ज करने मामले में दोषी करार, गिरफ़्तारी वारंट जारी
DSP समेत पांच पुलिसकर्मी नशीले पदार्थों का झूठा केस दर्ज करने मामले में दोषी करार, गिरफ़्तारी वारंट जारी

लुधियाना [रजनीश लखनपाल]। लुधियाना की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमरपाल कि अदालत ने नशीले पदार्थ पाए जाने के आरोप में दर्ज किए गए एक केस में पुलिस द्वारा नामज़द किए गए आरोपी को बेक़सूर क़रार देते हुए बरी कर दिया है। मामले में अदालत ने डीएसपी समेत पांच पुलिस कर्मचारियों को बेक़सूर व्यक्ति पर नशीले पदार्थों का झूठा केस दर्ज करने के आरोप में दोषी क़रार दिया है।

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अदालत ने अपने फ़ैसले में डीएसपी कंवरपाल सिंह, एएसआइ गुरमीत सिंह, रामजीदास, मनजिंदर सिंह व हेड कॉस्टेबल भगत सिंह को NDPS एक्ट 1985 के सक्षम 58 (1) ए के तहत दोषी क़रार देते हुए उनकी गिरफ़्तारी का वारंट जारी कर दिया है, ताकि उनको सजा सुनाए जाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जा सके।

बता दें, पुलिस थाना सदर जगराओं द्वारा 5 जून 2018 को बलजीत सिंह उर्फ़ बिट्टू निवासी गांव सिधवां बेट के खिलाफ नशीले पदार्थ पाए जाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस के दर्ज मामले के मुताबिक़ 5 जुलाई 2018 को जब पुलिस अधिकारी एएसआइ गुरमीत सिंह, मनजिंदर सिंह व अन्य पुलिस अधिकारी पुल सुआ गांव रामगढ़ भुल्लर के पास पेट्रोलिंग कर रहे थे तो उन्हें एक गुप्त सूचना मिली कि बलजीत सिंह जो नशीले पदार्थों का व्यापार करता है।

बताया गया था कि वह घर में नशीले पदार्थों को बेचने के लिए ग्राहकों का इंतज़ार कर रहा है अगर उस पर रेड की जाए तो उसे गिरफ़्तार किया जा सकता है। पुलिस ने दावा किया था की सूचना मिलने के बाद वो आरोपित को उस दिन पकड़ नहीं पाई, लेकिन अगले दिन छह जुलाई को जब पुलिस पार्टी शेरपुर कलांं के पास चेकिंग कर रहे थी तो उन्हें एक गुप्त सूचना मिली कि गुरमीत सिंह जिसने कुर्ता पजामा पहना हुआ है।

गांव लीला से शेरपुर कला की तरफ़ आ रहा है। सूचना मिलने के थोड़ी देर बाद ही उन्हें गुरप्रीत सिंह आता हुआ दिखाई दिया। जिसकी श़क के आधार पर तलाशी लिए जाने पर डीएसपी कंवरपाल सिंह के सामने उसके पास से 260 ग्राम नशीला पदार्थ बरामद हुआ। उसे पुलिस ने को गिरफ़्तार कर लिया, लेकिन अदालत में उपरोक्त मुक़दमे के चले ट्रायल के दौरान पुलिस गुरमीत सिंह पर लगाए गए आरोपों को साबित करने में असफल रही।

अपने सुनाए फैसले में अदालत ने यह भी ठहराया की अदालत में यह भी साबित हुआ कि पुलिस ने एक साज़िश रचते हुए गुरमीत सिंह को इस मामले में झूठा फंंसाया था, जिसका अदालत ने कड़ा संज्ञान लेते हुए उक्त पुलिस अधिकारियों को इस मामले में दोषी ठहराते हुए अदालत में तलब कर लिया। आज के अपने फ़ैसले में न्यायाधीश अमरपाल ने कहा कि ट्रायल के दौरान ये पता भी चला है कि पुलिस अधिकारियों ने किस तरह साज़िश के तहत एक ग़रीब आदमी को इस मामले में फंसाने में अपनी भूमिका निभाई। अदालत ने दोषियोंं को पुलिस अधिकारियों को 31 जनवरी को गिरफ़्तार कर अदालत में पेश करने का आदेश दिया है।

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