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समझौते के आधार पर रद नहीं होगी दुष्कर्म की एफआइआर : हाईकोर्ट

पंजाब एवं हरियाण हाई कोर्ट ने कहा है कि दुष्‍कर्म के मामले में समझौते के आधार पर पुलिस में दर्ज एफआरआइ को रद नहीं किया जा सकता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 11:25 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 11:27 AM (IST)
समझौते के आधार पर रद नहीं होगी दुष्कर्म की एफआइआर : हाईकोर्ट
समझौते के आधार पर रद नहीं होगी दुष्कर्म की एफआइआर : हाईकोर्ट

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म के मामले में दोनों पक्षों में समझौता हाेने के बाद पुलिस द्वारा दर्ज एफआरआइ को रद नहीं किया जा सकता है। इस तरह का मामला महिला के सम्‍मान से जुड़ा होता है। हाई कोर्ट ने यह बता लुधियाना के एक मामले की सुनवाई करते हुए दी। कोर्ट ने कहा कि पीडि़ता व आरोपित के बीच समझौते के आधार पर एफआइआर को खारिज करने का आदेश नहीं दिया जा सकता है।

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लुधियाना के एक मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना आदेश दिया। हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश राज्य बनाम मदन लाल केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसे मामलों में समझौता नहीं हो सकता है। यह एक महिला के सम्मान के विपरीत है जो सबसे महत्वपूर्ण व पवित्र है।

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बता दें कि इस मामले में मई 2015 में पीडि़ता के पिता की शिकायत पर लुधियाना के एक पुलिस स्टेशन में अपहरण और अन्य आरोपों पर एफआइआर दर्ज की गई थी। बाद में दोनों पक्षों ने समझौते का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में कहा था कि शिकायतकर्ता स्वेच्छा से आरोपित के साथ गई थी और लगभग दो सप्ताह तक उसके साथ रही थी, लेकिन एफआइआर में दर्ज घटना कभी घटित ही नहीं हुई।

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एफआइआर को रद किए जाने की मांग करते हुए दोनों पक्षों ने कहा था कि आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप गुस्से में लगाए गए थे और दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के बाद  आरोपित को सजा होने की संभावना न के बराबर थी। आरोपित व शिकायतकर्ता ने दावा किया कि मामले की निरंतरता अभियोजन पक्ष के अनुचित उत्पीड़न का कारण बन रही है और उसके वैवाहिक जीवन को खतरे में डाल सकती है।


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