पंजाब सरकार के पीक लोड चार्ज लगाने के फैसले का फीको ने किया कड़ा विरोध, राहत देने की मांग की
सरकार के फैसले के अनुसार उद्योगपतियों को एक जून से 30 सितंबर तक शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक बिजली की खपत के लिए प्रति यूनिट अतिरिक्त दो रुपये का भुगतान करना होगा।
लुधियाना, जेएनएन। फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल ऑर्गेनाइजेशन (फीको) ने पंजाब सरकार द्वारा पीक लोड चार्ज लगाने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। उद्योगपतियों को एक जून से 30 सितंबर तक शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक बिजली की खपत के लिए प्रति यूनिट अतिरिक्त दो रुपये का भुगतान करना होगा। कोरोना महामारी के दौरान पीसपीसीएल ने उस रियायत को भी वापस ले लिया जो उद्योग को रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक चलाने के लिए रात की दरों के मुकाबले 1.25 रुपये की छूट पर दी गई थी।
नीलम साइकिल के एमडी केके सेठ ने कहा कि कोविड-19 की मौजूदा स्थितियों के कारण उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा था और इस समय पीक लोड चार्ज लगाने से उद्योग के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी। फीको का एक प्रतिनिधिमंडल बलदेव सिंह सरन चेयरमैन पीएसपीसीएल और श्रीएवीनू पार्षद आइएएस सचिव पावर से मिलेगा और उद्योग की समस्याओं को अवगत करवाएगा।
फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने पीक लोड चार्ज लगाने के निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि यह उद्योग सरकार के लिए आजीविका का स्रोत था। सचिव दिनेश सिंह भोगल ने कहा कि बिजली का भंडारण नहीं किया जा सकता है, इसका केवल उपयोग किया जा सकता है। यह देखा गया है कि रात में बड़ी मात्रा में बिजली का उपयोग नहीं किया जाता है। इसलिए, सरकार को उद्योगपतियों को बिजली का उपयोग करने को विशेष रात्रि शुल्क प्रदान करना चाहिए।
प्रबंध सचिव अश्प्रीत सिंह साहनी ने कहा कि पंजाब बिजली के मामले में एक अधिशेष राज्य था, विशेषकर जलविद्युत जो सस्ता है। पड़ोसी राज्यों की तुलना में पंजाब में पहले से ही उद्योगपतियों को सबसे महंगी बिजली मिल रही है। इसलिए सरकार को राहत देनी चाहिए थी।
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