किसान आंदोलन से इंडस्ट्री में बेचैनी, मोदी व कैप्टन से किसानाें की समस्याअाें का समाधान करने की मांग
फीको के चेयरमैन केके सेठ ने कहा कि किसान विभिन्न स्थानों पर राजमार्ग व रेलमार्ग को अवरूद्ध कर रहे हैं। इससे माल की आवाजाही प्रभावित हो रही है। इसकी मार उद्योग जगत पर पड़ रही है। इससे इंजीनियरिंग उद्योग में उत्पादन पर असर हो रहा है।
लुधियाना, जेएनएन। पंजाब में किसान अांदाेलन के बाद उद्याेग जगत में बेचैनी दिख रही है। इंडस्ट्री का मानना है कि अांदाेलन लंबा चलने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस संबंध में फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीयल एंड कामर्शियल आर्गेनाइजेशन (फीको) ने प्रधानमंत्री माेदी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से किसानों के मुद्दों को हल करके आंदोलन समाप्त करने का अनुरोध किया है।
फीको के चेयरमैन केके सेठ ने कहा कि किसान विभिन्न स्थानों पर राजमार्ग व रेलमार्ग को अवरूद्ध कर रहे हैं। इससे माल की आवाजाही प्रभावित हो रही है। इसकी मार उद्योग जगत पर पड़ रही है। संगठन के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि पंजाब में रेल सेवाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण कच्चा माल विशेष तौर पर स्टील की दिक्कत आ रही है।
उन्हाेंने कहा कि इससे इंजीनियरिंग उद्योग में उत्पादन पर असर हो रहा है। साफ है कि यदि आंदोलन को तुरंत खत्म न कराया, तो आने वाले दिन परेशानियों से भरे होंगे। इससे उद्याेग जगत के राजस्व पर भी असर पड़ने की अाशंका है।