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आरटीए ऑफ‍िस में विजिलेंस का खौफ, ताले लगाकर गायब हो गए क्लर्क

रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) लुधियाना के दफ्तर में विजिलेंस का खौफ इतना है कि टीम के आने की अफवाह मात्र से वहां के कर्मचारी भाग जाते हैं।

By Edited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 08:35 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 08:35 AM (IST)
आरटीए ऑफ‍िस में विजिलेंस का खौफ, ताले लगाकर गायब हो गए क्लर्क
आरटीए ऑफ‍िस में विजिलेंस का खौफ, ताले लगाकर गायब हो गए क्लर्क

जेएनएन, लुधियाना। रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) लुधियाना के दफ्तर में विजिलेंस का खौफ इतना है कि टीम के आने की अफवाह मात्र से वहां के कर्मचारी भाग जाते हैं। वीरवार को सुबह भी ऐसा ही हुआ। दफ्तर में अफवाह थी कि विजिलेंस की रेड होने वाली है। इस कारण आरटीए दफ्तर के सभी कमरों में 12 बजे तक ताले लटके रहे और क्लर्क गायब हो गए। वहीं दलाल भी वहां नजर नहीं आए। दोपहर को 12 बजे एआरटीओ आए और उन्होंने दफ्तर के ताले खुलवाए। ताले लगे होने के पीछे अफसरों का तर्क है कि दफ्तर में सिर्फ तीन क्लर्क हैं और तीनों अलग-अलग अदालतों में केसों के सिलसिले में गए हुए थे। आरटीए दफ्तर में क्लर्को के साथ कुछ प्राइवेट कारिंदे भी काम करते हैं। यह मामला कई बार उजागर हो चुका है।

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वीरवार को दफ्तर में न तो अफसर थे और न ही कोई कर्मचारी। वहीं क्लर्को के प्राइवेट कारिंदे भी सुबह से गायब रहे। दफ्तर बंद होने पर वहां आए लोगों में चर्चा चल रही थी कि विजिलेंस की छोपमारी की सूचना आई थी जिस वजह से जो क्लर्क पहले तक बैठा हुआ था, वह भी गायब हो गया। इसके अलावा दफ्तर के बाहर घूमने वाले दलाल भी पूरा दिन वहां से नदारद रहे। दफ्तर बंद होने की वजह से वहां काम करवाने के लिए आए लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

आरटीए का तर्क, तीनों क्लर्क कोर्ट में गए थे

आरटीए लवजीत कलसी का कहना है कि वह खुद दफ्तर के काम से चंडीगढ़ गई थीं। असिस्टेंट आरटीए ड्राइविंग ट्रैक पर ड्यूटी पर थे। उन्होंने बताया कि एक क्लर्क मोगा, एक क्लर्क राजपुरा कोर्ट की पेशी पर गया था। इसके अलावा तीसरा क्लर्क कुछ देर दफ्तर में काम करने के बाद स्थानीय अदालत में चला गया था। दफ्तर में दस्तावेज होते हैं इसलिए वह ताला लगाकर चले गए थे। लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए रिसेप्शन पर लड़की को बैठाया गया था। उन्होंने बताया कि जब उन्हें सूचना मिली कि दफ्तर में कोई भी नहीं है तो असिस्टेंट आरटीए को दफ्तर भेज दिया था।


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