Farmers Protest: नरमे की खराब फसल का मुआवजा लेने काे सड़काें पर उतरेंगे किसान, कल से बठिंडा में लगाएंगे पक्का माेर्चा
Farmers Protest नरमे की खराब फसल काे लेकर किसान सरकार के खिलाफ माेर्चा खाेलेंगे। यूनियन के नेता धरना लगाने को लेकर तैयारियों में जुट गए हैं। यहां तक कि फसल के खराब होने के कारण बठिंडा व मानसा में 9 किसान आत्महत्याएं भी कर चुके हैं।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। Farmers Protest: गुलाबी सुंडी के कारण नरमे की खराब हुई फसल का मुआवजा लेने के लिए किसान यूनियन के नेता सोमवार से बठिंडा में पक्का धरना लगाएंगे। किसानों का आरोप है कि गुलाबी सुंडी ने सारी फसल को खराब कर दिया है। इसको लेकर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भी बठिंडा का दौरा कर चुके हैं। जिनके द्वारा किसानों को मुआवजा देने का ऐलान भी किया गया लेकिन आज तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला। इसके चलते वह अब संघर्ष करेंगे।
दूसरी तरफ डीसी अरविंदपाल सिंह संधू भी दो दिन पहले गुलाबी सुंडी के कारण खराब हुई नरमे की फसल की गिरदावरी का काम जल्द मुकम्मल करने के लिए अधिकारियों को आदेश दे चुके हैं। जिनके द्वारा शुक्रवार की देर शाम को जिले के संबंधित एसडीएम व माल अफसरों के साथ मीटिंग भी की। इस दौरान उनको हिदायत दी कि वह संबंधित पटवारियों व कानूनगो के साथ हर हालत में गुलाबी संडे के कारण खराब हुई नरमे की फसल की गिरदावरी करवाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं किसान यूनियन के नेता धरना लगाने को लेकर तैयारियों में जुट गए हैं। यहां तक कि फसल के खराब होने के कारण बठिंडा व मानसा में 9 किसान आत्महत्याएं भी कर चुके हैं। जिनमें से जिला मानसा के गांव मूसा के किसान गुरप्रीत सिंह ने तो दो दिन पहले ही खुदकुशी की है। अब किसान संघर्ष के रास्ते पर चल पड़े हैं। जिले के गांवों में गुलाबी सुंडी के कारण नरमे की खराब हो चुकी फसल के लिए किसानों को मुआवजा देने के अलावा नकली कीटनाशक व बीज देने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करवाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन उगराहां की ओर से राज्य सचिव शिंगारा सिंह मान की अगुआई में की गई।
इस दौरान किसानों ने कहा कि इस बार गुलाबी सुनने में नरमे की फसल को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। इसके अलावा पहले बारिश के कारण ज्यादा पानी जमा होने से नरमे की फसल खराब हो चुकी थी। लेकिन अब किसानों के आर्थिक हालात इतने ज्यादा बुरे हो गए हैं कि वह नुकसान सहन नहीं कर सकते। जिसके चलते मीटिंग में फैसला लिया गया कि अब डीसी दफ्तर के आगे पक्का धरना लगाया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।