पराली जलाने पर लगाई पाबंदी का विरोध
सरकार द्वारा किसानों पर पराली जलाने को लेकर लगाई गई पाबंदी के विरोध में रविवार को किला रायपुर के किसानों ने इस किसान विरोधी फैसले के खिलाफ रोष जताया। कामरेड कुलदीप सिंह ने कहा कि सरकार हमेशा किसानों की मुश्किलों को अनदेखा कर उनके विरुद्ध फैसले लेती आई है जिस कारण किसान आत्महत्या करे रहे हैं।
जेएनएन, डेहलों : सरकार द्वारा किसानों पर पराली जलाने को लेकर लगाई गई पाबंदी के विरोध में रविवार को किला रायपुर के किसानों ने इस किसान विरोधी फैसले के खिलाफ रोष जताया। कामरेड कुलदीप सिंह ने कहा कि सरकार हमेशा किसानों की मुश्किलों को अनदेखा कर उनके विरुद्ध फैसले लेती आई है जिस कारण किसान आत्महत्या करे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पराली को खेतों में खत्म करना कठिन है। इसके लिए किसानों को बहुत ही महंगी मशीनरी व डीजल खर्च की जरूरत होती है जबकि पहले से ही आर्थिक मंदहाली के साथ जूझ रही किसानी के लिए यह बहुत ही कष्टदायक काम है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह पहले पराली को खेतों में खत्म करने के लिए मशीनरी का प्रबंध करने साथ-साथ पराली संभालने के ब्लाक स्तर पर प्लाट लगाती जबकि सरकार ने बिना किसी उपाय के किसानों को पराली न जलाने का नादिरशाही फैसला लागू कर किसानों को एक और मुसीबत में डाल दिया है।
किसान गेहूं की फसल बीजने के लिए चिंता में हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि किसानों को पराली के निपटारे के लिए प्रति एकड़ के हिसाब के साथ जो भी खर्च आता है, वह भुगतान दिया जाए और पराली को संभालने वाले ब्लाक स्तर पर प्लाट लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पराली जलाने के मुद्दे पर जिन किसानों पर पर्चे दर्ज किए गए हैं, वह तुरंत रद किए जाए, नहीं तो सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू करा जाएगा।
इस अवसर पर झपिंदर सिंह, तरनजीत सिंह, सुरजीत सिंह, गुरमीत सिंह पिंका, सुखदेव सिंह, बलजीत सिंह, बलविंदर सिंह, जगदेव सिंह जगी, सुखविंदर सिंह पंच, भजन सिंह, शैंकी ग्रेवाल, गुरदीप सिंह, महेन्दर सिंह, टोनी ग्रेवाल, परमिन्दर सिंह गिल, सोनू ग्रेवाल, गुरमेल सिंह, सुखदेव सिंह सुख, नरिंदर सिंह के इलावा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।