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किसानों ने पराली नहीं जलाने का लिया संकल्प

पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है, क्योंकि सभी इस समाज का हिस्सा है। ब'चों से लेकर बड़ों तक, पशुओं-पक्षियों हर किसी ने इसी पर्यावरण में सांस लेनी है अगर यही हवा जहरीली हो जाएगी तो सबके लिए सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। इससे हम खुद को ही नुकसान पहुंचाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 12 Oct 2018 08:00 AM (IST)
किसानों ने पराली नहीं जलाने का लिया संकल्प
किसानों ने पराली नहीं जलाने का लिया संकल्प

जेएनएन, श्री माछीवाड़ा साहिब : पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है, क्योंकि सभी इस समाज का हिस्सा है। बच्चों से लेकर बड़ों तक, पशुओं-पक्षियों हर किसी ने इसी पर्यावरण में सांस लेनी है अगर यही हवा जहरीली हो जाएगी तो सबके लिए सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। इससे हम खुद को ही नुकसान पहुंचाएंगे। इस जिम्मेदारी के बारे में लोगों विशेषकर किसानों को जागरूक करने के लिए दैनिक जागरण ग्रुप ने वीरवार को 'पराली नहीं जलाएंगे, वातावरण को बचाएंगे' अभियान का आगाज श्री माछीवाड़ा साहिब की एतिहासिक धरती से किया। इस संबंध में शहर की अनाज मंडी में सेमिनार आयोजित किया गया।

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जागरण ग्रुप के बैनर तले करवाए इस सेमिनार में किसानों, आढ़तियों और इलाके के गणमान्यों ने उपस्थिति दर्ज कराई। मंच से सभी वक्ताओं ने दैनिक जागरण के अभियान की सराहना की और पराली न जलाने का समर्थन किया। जागरण ग्रुप की मुहिम से जागरूक होकर किसानों ने प्रण लिया कि वह खेतों में धान की पराली नहीं जलाएंगे और वातावरण को प्रदूषित होने से बचाएंगे।

वक्ताओं ने कहा कि आज जरूरी है कि पराली न जलाने को लेकर अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाए। इससे प्रदूषण फैल रहा है और गंभीर बीमारियां और समस्याएं पैदा हो रही हैं। यदि किसानों को पराली जलाने से न रोका तो आने वाले समय में मानवता के लिए बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा। इस मौके किसान जसदेव सिंह बिट्टू, राजेश बिट्टू, बेअंत सिंह, चेतन कुमार, सुखप्रीत झड़ौदी, कपिल आनंद, परमिंदर गुल्यिानी, हरिंदरमोहण सिंह कालडा, जैदीप सिंह काहलों, गुरनाम सिंह खालसा, परमजीत पंमी, अमरजीत सिंह काला, बिट्टू सरपंच खानपुर आदि भी मौजूद थे। सरकार पराली न जलाने संबंधी मशीनरी दे : शक्ति आनंद

किसान और आढ़ती शक्ति आनंद ने कहा कि धान की पराली जलाने से बढ़ता प्रदूषण मानव के लिए खतरे की घटी है। उन्होंने कहा कि किसान भी पराली नहीं जलाना चाहते, पर यह तभी संभव है यदि प्रत्येक किसान के पास पराली जलाए बिना अगली फसल लगाने संबंधी मशीनरी हो। छोटे किसान महंगी मशीनरी नहीं खरीद सकते। वह सरकार से मांग करते हैं कि गांवों में कृषि सहकारी सभाओं को पराली जलाए बिना हैप्पी सीडर और ज्यादा हॉर्स पावर वाले ट्रैक्टर सब्सिडी पर मुहैया करवाए जिससे प्रत्येक किसान उसे किराए पर लेकर पराली जलाए बिना गेहूं की बिजाई कर सके। शक्ति आनंद ने सेमिनार में शामिल किसानों से अपील की कि वह दैनिक जागरण ग्रुप की मुहिम का भाग बनें और खेतों में पराली को न जलाएं। पराली की गांठें बनाने के लिए सरकार मशीनरी दे : शेरपुरी

शेरपुर कृषि सहिकारी सभा के प्रधान सोहण लाल शेरपुरी ने कहा कि उन की सभा के साथ 10 गांवों के करीब 800 किसान जुड़े हुए हैं और वह दैनिक जागरण ग्रुप की मुहिम संबंधी जागरूक करेंगे और पराली न जलाने की अपील करेंगे। इसमें ही मानवता का भला है और हमारा वातावरण शुद्ध रहेगा। शेरपुरी ने साथ ही सुझाव दिया कि सरकार कृषि सभाओं को जहां गेहूं की बिजाई के लिए हैप्पी शीडर और ट्रैक्टर सब्सिडी पर दे, पराली से गांठ बनाने वाली मशीनरी भी मुहैया करवाए जिससे इन गांठों को स्टाक करके बाद में गत्ता मिलों को बेचा जा सके। जिसके साथ किसानों को भी पराली का कुछ लाभ होगा और वह इस को जलाएंगे नहीं। पराली न जलाने वालों को सरकार सब्सिडी दे : कुंदरा

किसान और नगर कौंसिल के प्रधान सुरिंदर कुंदरा ने इस जागरुकता सेमिनार में कहा कि पंजाब में जलाई धान की पराली का प्रभाव आसपास के राज्यों पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि धरती पर घटते पेड़ और बढ़ता प्रदूषण पहले ही मानव जीवन के लिए खतरा है और ऊपर से पराली जलाने से वातावरण ज्यादा प्रदूषित हो जाता है जिसके साथ बुजुर्गो और बच्चों को सांस लेने में परेशानी आती है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह जागरण ग्रुप की इस मुहिम में सहयोग दें और पराली न जलाएं और साथ ही सरकार से अपील की कि जो किसान अपने खेतों में पराली नहीं जलाते उनको प्रति एकड़ सब्सिडी दी जाए, जिसके साथ किसान खुद ही पराली जलाने से गुरेज करेंगे।


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