पहले सिंचाई को तरसे, अब बेमौसमी बारिश तड़पा रही
पिछले कुछ दिनों से माछीवाड़ा इलाके में पड़ रही भारी बारिश कारण सैंकड़े एकड़ फसल आलू की तबाह तो हो ही चुकी है और अब यह बारिश का पानी गेहूँ की फसल पर भी कहर ढाह रहा है
संस, श्री माछीवाड़ा साहिब : पिछले कुछ दिनों से माछीवाड़ा इलाके में पड़ रही भारी बारिश के कारण सैकड़ों एकड़ आलू की फसल तबाह तो हो ही चुकी है और अब यह बारिश का पानी गेहूं की फसल पर भी कहर ढाह रहा है और खेतों में जमा पानी को निकालने व फसल को बचाने के लिए किसान मशक्कत करते दिखाई दे रहे हैं।
माछीवाड़ा का ढाहा क्षेत्र जहां आलू की फसल ज्यादा होती है वहां हालात ये हैं कि भारी बारिश के कारण पककर तैयार हुई आलू की फसल बिल्कुल तबाह हो गई। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है वहीं ताजी बीजी आलू की फसल तो इस पानी में बिल्कुल ही डूब गई है। ज्यादा बारिश पड़ने के कारण माछीवाड़ा बेट क्षेत्र के गांवों में गेहूं के खेतों में पानी जमा हो गया जिस कारण इस फसल की जड़ें पीली पड़ने लग गई जो सीधे तौर पर झाड़ को प्रभावित करेंगी। माछीवाड़ा बेट क्षेत्र के दर्जनों गांवों में किसान जमा पानी को निकालने के लिए खेतों के कोनों पर खड्डे खोद कर पानी इकट्ठा कर रहे थे और फिर इस को इंजन के द्वारा टैंकरों में भरकर गांवों के छप्पड़ों में फैंक रहे हैं ताकि फसल को बचाया जा सके।
गांव जातीवाल के किसान रणजीत ¨सह, कुलदीप ¨सह ने बताया कि पहले तो डीजल फूंक कर खेतों को पानी लगाते रहे और अब बारिश इतनी पड़ गई कि जमा पानी को निकालने के लिए मेहनत और पैसा खर्च करना पड़ रहा है। सरकार और प्रशासन ने न तो आलू की काश्त करने वाले किसानों का हाल जाना और न ही बेट क्षेत्र में गेहूं की काश्त करने वाले किसानों को उनके नुक्सान के बारे में पूछा। किसानों ने बताया कि फसलों के भाव निर्धारित करने के मौके पर तो केंद्र और पंजाब सरकार केवल फसल की बिजाई, खादें और लेबर का खर्च ही गिनती हैं परंतु जब कुदरती आफत पड़ती है और किसानों का भारी आर्थिक नुकसान होता है उस समय सरकारें उनका हाल भी नहीं पूछती।
बारिश की चेतावनी से किसानों के ठंड में ही छूट रहे पसीने
माछीवाड़ा इलाके के बेट और ढाहा क्षेत्र के किसान गेहूं में खड़े पानी की निकासी के लिए जुटे हुए थे और ऊपर से फिर अगले दो दिनों में मौसम खराब की चेतावनी ने ठंड के मौसम में ही उन के पसीने छूट रहे हैं कि यदि इस तरह ही बारिश पड़ती रही तो गेहूं की फसल का झाड़ बहुत घट जाएगा। किसानों ने मांग की कि सरकार आलू और गेहूं की खराब हुई फसल की गिरदावरी करवाकर इलाके के किसानों को प्रति एकड़ मुआवजा निर्धारित करे।