Move to Jagran APP

लॉकडाउन में किसान बेखौफ, 11,844 खेतों में जली गेहूं की नाड़, तीन वर्षों में रिकार्ड

लॉकडाउन में किसानों ने प्रशासन की परवाह नहीं की। यही कारण रहा कि इस बार पिछले तीन सालों के मुकाबले गेहूं की नाड़ सबसे ज्यादा जली।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 12:48 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 12:48 PM (IST)
लॉकडाउन में किसान बेखौफ, 11,844 खेतों में जली गेहूं की नाड़, तीन वर्षों में रिकार्ड
लॉकडाउन में किसान बेखौफ, 11,844 खेतों में जली गेहूं की नाड़, तीन वर्षों में रिकार्ड

जगराओं [बिंदु उप्पल]। कर्फ्यू हटते ही किसानों ने खेतों में गेहूं की नाड़ (अवशेष) को जलानी शुरू कर दी है। प्रशासनिक अमले के लॉकडाउन में व्यस्त होने के कारण खेतों में कोई चेक नहीं है इस वजह से इस बार पिछले सालों की अपेक्षा खेतों में नाड़ जलाने के मामले बढ़े हैं।

loksabha election banner

पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (Punjab Remote Sensing Center) लुधियाना के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनिल सूद ने बताया कि पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों की तुलना में इस बार खेतों में नाड़ जलाने के मामले ज्यादा हैं। पंद्रह अप्रैल से लेकर 22 मई तक सूबे में वर्ष 2018 में 10993, वर्ष 2019 में 10114, वर्ष 2020 में 11844 सामने आए हैं। वहीं 22 मई, 2020 को प्रदेश में किसानों ने 431 जगह नाड़ को आग लगाई है, जबकि 2018 में इसी दिन 98 और वर्ष 2019 में 330 जगह आग लगाई गई थी।

उल्लेखनीय है कि गेहूं की फसल निकलने के बाद किसानों को जून महीने में धान की बिजाई के लिए खेतों को तैयार करना होता है। लेकिन किसान पर्यावरण के साथ-साथ आमजन की सेहत से खिलवाड़ करते हुए इसे खेतों में ही जला देते हैं।

छह माह की सजा, फिर भी नहीं डर

जिला खेतीबाड़ी अधिकारी डॉ. नरिंदर सिंह बैनीपाल ने बताया कि खेतों में आग लगाने पर छह माह की सजा के साथ जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन किसानों को इसका भी डर नहीं है। लॉकडाउन में व्यस्तता के बावजूद खेती विभाग की टीमों ने नाड़ जलाने पर 39 किसानों के खिलाफ केस दर्ज करवाए हैं।

पोषक तत्व व सूक्ष्म जीव होते हैं नष्ट : डॉ. राजीव गुप्ता

पीएयू भू-विभाग के प्रिंसिपल सायल केेमिस्ट डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि गेहूं की नाड़ जलाने से कार्बन मोनोआक्साइड, मिथेन, कार्बन डाइआक्साइड, सल्फर डाइआक्साइड आदि गैसें उत्पन्न होती हैं। यह दमा, अस्थमा मरीजों व गर्भवती महिलाओं के लिए यह खतरनाक हैं। खेतों में आग से जमीन के सूक्ष्म जीव व मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.