फिरोजपुर में शराब फैक्ट्री को एनजीटी की क्लीन चिट, किसानों ने कहा- 3 अक्टूबर को होगा महा विरोध
फिरोजपुर में जीरा के गांव मंसूरवाला में एथनाल फैक्ट्री पिछले दो महीने से बंद है। फैक्ट्री के बिगड़ते हालातों के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गांव में पानी और मिट्टी के सैंपल लिए और तीन लैब टेस्ट के बाद फेक्ट्री को क्लीन चिट दी तो किसान संगठन भड़क गए।
संवाद सूत्र, फिरोजपुर। जीरा के गांव मंसूरवाला में एथनाल फैक्ट्री पिछले दो महीने से बंद है। पानी दूषित होने की शिकायत लेकर किसान दो महीने से फैक्ट्री के आगे धरने पर है। फैक्ट्री के बिगड़ते हालातों के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गांव में पानी और मिट्टी के सैंपल लिए और तीन लैब टेस्ट के बाद फेक्ट्री को क्लीन चिट दी तो किसान संगठन भड़क गए। उन्होंने एनजीटी अधिकारियों पर ग्रामीणों को गुमराह करने का आरोप लगाया और 3 अक्टूबर को महा विरोध की घोषणा कर दी। किसानों ने कहा 3 अक्टूबर को पंजाब भर के किसान फैक्ट्री बंद कराने के लिए मंसूरवाला पहुंचेंगे।
एनजीटी की रिपोर्ट लेकर पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक्सईएन राजीव गोयल, एक्सईएन रोहित सिंगला के अलावा नायब तहसीलदार विनोद कुमार व डीएसपी बलविंदर सिंह पहुंचे। अधिकारियों ने एनजीटी ने सैंपल की जांच के बाद तैयार की गई रिपोर्ट को प्रदर्शनकारियों को पढ़कर सुनाई तो प्रदर्शनकारी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि रविवार को ग्रामीणों मार्च निकालकर अपनी ताकत दिखाई तो सरकार भी हरकत में आ गई और प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों को भेजकर प्रदर्शनकारियों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की।
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक्सईएन राजीव गोयल, एक्सईएन रोहित सिंगला ने कहा कि जो रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से आई थी, उन्होंने प्रदर्शनकारियोंं को वह रिपोर्ट पढ़ कर सुनाई थी। प्रदर्शनकारियों ने जहां से भी सैंपल लेने को कहा था, वहीं से सैंपल लेकर जांच की गई थी। उसकी रिपोर्ट आ गई है। उन्होंने कहा कि यहां के ट्यूबवैल 6 सौ से 7 सौ फीट नीचे है। यहां पर कोई ऐसा प्रमाण नहीं मिला कि एथनॉल प्लांट से यहां की मिट्टी या भूमिगत पानी प्रदूषित हुआ हो। उन्होंने कहा सैंपल की जांच तीन लैब में की गई थी। मिट्टी के सैंपल भी लिए तो कृषि विभाग ने इसे खेतीबाड़ी योग्य बताया।
किसान नेता बलराज सिंह और जसबीर सिंह ने कहा कि जब तक फैक्ट्री नही हटाई जाती तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र भी झूठी रिपोर्ट बनाकर ग्रामीणों को बेवकूफ बना रहा है, जबकि असलियत यह है कि अब भी बोर से गंदा पानी निकल रहा है। उन्होंने कहा कि एनजीटी के अधिकारियों भी उन्हें भ्रमित करने की कोशिश की गई है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 3 अक्टूबर को पूरे पंजाब के लोग शराब फैक्ट्री के खिलाफ एकजुट होकर एकता का परिचय देते हुए एथनॉल प्लांट को यहां से हटाने की मांग करेंगे।
असहाय हुए अधिकारी
किसानों के विरोध के बाद दूसरी बार पानी और मिट्टी की सैंपल रिपोर्ट ठीक मिली। इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने फैक्ट्री के तीन सौ मीटर दायरे में धरना न देने के आदेश दिए थे। तमाम आदेशों और रिपोर्ट के बावजूद किसान धरना हटाने को तैयार नहीं। नायब तहसीलदार विनोद कुमार व डीएसपी बलविंदर सिंह ने कहा हर दिन वे धरने में बातचीत को जाते है। मामला समझदारी से सुलझ जाए तो बेहतर है।