केंद्र के आर्थिक पैकेज से खुश नहीं हुए पंजाब के किसान
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीरवार को किसानों के लिए नई राहतों का एलान किया लेकिन किसान खुश नहीं हैं।
जासं, लुधियाना : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीरवार को किसानों के लिए नई राहतों का एलान किया, लेकिन पंजाब के किसान इससे खुश नहीं हैं। उनका तर्क है कि पहले से चल रही स्कीमों को ही फिर से पेश किया गया है। पैकेज में नया कुछ नहीं है।
सरकार किसान पर कर्ज बढ़ा रही है, लेकिन उनको कर्जमुक्त करने के लिए कोई योजना नहीं है। रेट न मिलने से किसानों ने इस बार सब्जियों खासकर शिमला मिर्च को खेत में ही जोत दिया है। सरकार गेहूं धान के अलावा अन्य फसलों, फल सब्जी का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करके उसकी खरीदारी सुनिश्चित नहीं करती। इससे किसान को भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे में किसानों को सरकारी पैकेज से कोई उम्मीद नहीं है। तीन करोड़ किसानों के लिए तीस हजार करोड़ का फंड
केंद्र सरकार ने पैकेज के तहत तीन करोड़ किसानों के लिए तीस हजार करोड़ के अतिरिक्त फंड की व्यवस्था की है। इस रकम को रबी की फसल के लिए छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए खर्च किया जाएगा। यह रकम सीधे आरआरबी के जरिए ही किसानों तक पहुंचेगी। किसानों के कर्ज के ब्याज दर पर माफी की छूट को भी 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। सरकार देने की बजाय ले रही : बलबीर राजेवाल
भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार के इस पैकेज से किसान का भला नहीं होगा। पिछले सप्ताह सरकार ने आंकड़ा जारी किया कि पेट्रो उत्पादों से केंद्र को 1.70 लाख करोड़ रुपये आए। पेट्रो उत्पादों की कुल खपत में 13 फीसद हिस्सेदारी कृषि सेक्टर की है। साफ है कि सरकार ने इस क्षेत्र की जेब से 22100 करोड़ रुपये चुपके से निकाल लिए। अब पंजाब सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल पर 15.15 फीसद वैट बढ़ा दिया है। यह अतिरिक्त बोझ अलग से पड़ गया है। साफ है कि सरकार देने की बजाय ले रही है। लॉकडाउन में दूध की खपत घटी तो मिल्कफेड ने किसान से खरीद रेट में सात रुपये प्रति लीटर की कमी कर दी जबकि उपभोक्ता का रेट वही रखा। सरकार किसानों के लिए सही योजना नहीं बना पा रही: हरमीत कादियां
भारतीय किसान यूनियन कादियां के प्रधान हरमीत सिंह कादियां ने भी कहा कि सरकार ने किसानों को कुछ नहीं दिया है। यह केवल दिखावा ही है। पैकेज में किसान को सस्ती दर पर ऋण देने की बात की गई है, किसान को पहले ही चार फीसद ब्याज दर पर लोन मिलता है। इसमें कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की दिक्कतों को कम करने की दिशा में कोई योजना नहीं बना पा रही है, तभी किसान ही हालत में सुधार नहीं हो रहा है। सरकार किसान को कर्जाई बना रही: ओंकार सिंह
भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के महासचिव ओंकार सिंह ने कहा कि सरकार ने पैकेज के जरिए निराश ही किया है। लॉकडाउन के दौरान सब्जियों के रेट धरातल पर आ गए। नतीजतन किसानों ने शिमला मिर्च या सड़कों पर फेंकी या खेतों में ही जोत दी। सरकार किसान की फसल को सही मूल्य पर खरीदने के लिए कोई नीति नहीं बना पाई है। सरकार किसान को कर्जाई करने के उपाय कर रही है, उसे कर्ज से बचाने का प्रयास नहीं हो रहा है। केंद्र ने पैकेज के नाम पर धोखा किया: सुखदेव सिंह
भारतीय किसान यूनियन एकता के प्रदेश महासचिव सुखदेव सिंह ने भी कहा कि केंद्र ने किसान को पैकेज के नाम पर धोखा ही दिया है। किसान की हालत काफी खस्ता है। ऐसे में किसान को ब्याज मुक्त कर्ज की जरूरत है। इस दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है। इसके अलावा किसानों के उत्पादों की मार्केटिग के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है।