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वैट रिफंड के वायदे खोखले, सरकार के खिलाफ होगा हल्ला बोल

सुन्दर श्याम अरोड़ा द्वारा लुधियाना में तीन कॉन्क्लेव आयोजित कर उद्यमियों के साथ रूबरू कार्यक्रम तो करवाए गए हैं लेकिन यहा किए गए वायदे के मुताबिक दस दिनों में वैट रिफंड का फैसला लागू करने में विफल रहे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 05:31 PM (IST)Updated: Thu, 09 Aug 2018 05:31 PM (IST)
वैट रिफंड के वायदे खोखले, सरकार के खिलाफ होगा हल्ला बोल
वैट रिफंड के वायदे खोखले, सरकार के खिलाफ होगा हल्ला बोल

मुनीश शर्मा, लुधियाना : उद्योगमंत्री सुन्दर श्याम अरोड़ा द्वारा लुधियाना में तीन कॉन्क्लेव आयोजित कर उद्यमियों के साथ रूबरू कार्यक्रम तो करवाए गए हैं लेकिन यहा किए गए वायदे के मुताबिक दस दिनों में वैट रिफंड का फैसला लागू करने में विफल रहे। उद्योगपतियों को उद्योगमंत्री ने विश्वास दिलाया था कि उनके तीन अगस्त को लुधियाना दौरे से पूर्व वैट रिफंड जारी कर दिया जाएगा। तीन अगस्त को रिफंड जारी न होने के बाद रिफंड जारी करने के लिए 7 अगस्त तक का समय दिया गया। लेकिन वैट रिफंड न मिलने से अब उद्यमी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल की तैयारी में हैं। इसके लिए विभिन्न औद्योगिक संगठन आने वाले लोकसभा चुनावों में सरकार की खिलाफत कर सकते हैं। ज्ञात हो कि गुड्स एंव सर्विस टैक्स लागू हुए एक साल बीत चुका है, लेकिन पंजाब सरकार की ओर से इस प्रक्रिया से पूर्व का वैट रिफंड अभी तक इंडस्ट्री को जारी नहीं किया है। इसको लेकर कई बैठकों में अधिकारियों से लेकर वित्तमंत्री और उद्योग मंत्री भी आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन उद्यमियों के हाथ केवल निराशा ही लगी है। केवल लुधियाना की ही बात करें, तो पाच सौ करोड़ का वैट रिफंड लटका पड़ा है। इसको लेकर कई तरह के पड़ावों से गुजरने के बावजूद रिफंड के लिए सरकार की ओर से फंड की कमी की बात कहकर इसे स्थगित किया जा रहा है। इसके चलते इंडस्ट्री को वैट रिफंड के लिए फंसे पैसा का ब्याज बैंको को देना पड़ रहा है। जो इंडस्ट्री द्वारा बिक्त्री किए गए मैटीरियल की इनपुट कास्ट को भी बढ़ा रहा है। उद्यमियों के विरोध प्रदर्शन के बाद वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने तीन माह पहले 87 करोड़ के वैट रिफंड की पहली किश्त जारी की थी। उस समय वित्त मंत्री ने उद्यमियों को आश्वासन दिया था कि शेष वैट रिफंड की दूसरी किश्त पंद्रह दिनों में जारी कर दी जाएगी, लेकिन अभी तक दूसरी किश्त जारी न होने से उद्यमियों में रोष है और उद्यमी संघर्ष करने की तैयारी में बैठकें करने लगे हैं।

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फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार के मुताबिक वैट रिफंड न मिलने का सीधा नुक्सान प्रोडक्शन की इनपुट कास्ट पर पड़ रहा है। अब इंडस्ट्री को मजबूरन इसके खिलाफ संघर्ष कर सड़कों पर उतरना होगा। इस संबंध में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के साथ वार्ता कर संघर्ष की तैयारी की जा रही है। सीआईसीयू के प्रधान उपकार सिंह आहुजा ने कहा कि सरकार की ओर से वायदे किए जा रहें है, लेकिन इन्हें पूरा नहीं किया जा रहा। हर बैठक में सरकार से वैट रिफंड की माग की जाती है, लेकिन इंडस्ट्री की नहीं सुनी जा रही। इंडस्ट्री वैट रिफंड न मिलने से घाटे में है और ब्याज इंडस्ट्री को खुद की जेब से देना पड़ रहा है। फाइलें हो गई है पास शीघ्र जारी होगा रिफंड

उद्योगमंत्री सुन्दर श्याम अरोड़ा के मुताबिक इंडस्ट्री की वैट रिफंड की फाइलें पास कर दी गई है। जो वित्त विभाग के पास भेज दी गई है। शीघ्र ही इंडस्ट्री को वैट रिफंड जारी कर दिया जाएगा। दिसंबर तक सारी इंडस्ट्री का वैट रिफंड दे दिया जाएगा।


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