Move to Jagran APP

निर्यातकों को मिलने लगे समर के आर्डर, कोविड में अटके माल की निकासी बड़ी चिता

कोविड महामारी के दौरान हुए लाकडाउन में पिछला सीजन गंवाने के बाद अब रेडिमेड गारमेंट्स निर्यातकों को समर सीजन से अच्छी उम्मीदें हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 02:10 AM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 02:10 AM (IST)
निर्यातकों को मिलने लगे समर के आर्डर, कोविड में अटके माल की निकासी बड़ी चिता
निर्यातकों को मिलने लगे समर के आर्डर, कोविड में अटके माल की निकासी बड़ी चिता

राजीव शर्मा, लुधियाना

loksabha election banner

कोविड महामारी के दौरान हुए लाकडाउन में पिछला सीजन गंवाने के बाद अब रेडिमेड गारमेंट्स निर्यातकों को समर सीजन से अच्छी उम्मीदें हैं। इसके संकेत भी मिलने शुरू हो गए हैं। विदेशी बायर्स से समर के आर्डर आ रहे हैं, लेकिन निर्यातकों को फरवरी-मार्च 2020 के दौरान कोविड के कारण बचे करोड़ों रुपये के माल की निकासी की चिता भी सता रही है। विदेशी बायर्स ौंग पुराने माल को कुछ डिस्काउंट के साथ देने पर भी मंथन चल रहा है। ऐसे में उद्यमियों को उम्मीद बंधी है कि कोविड के चलते अटके पिछले सीजन के माल काफी हद तक क्लीयर हो जाएंगे।

इसके साथ ही सूबे में किसान आंदोलन के दौरान पिछले करीब 35 दिनों से रुके ट्रेनों के पहिए से निर्यातकों की नींद उड़ी हुई है। उद्यमियों ने सरकार से आग्रह भी किया है कि रेल यातायात को बहाल कराया जाए, ताकि निर्यात के पथ पर तेजी से आगे बढ़ा जा सके। इसके अलावा गारमेंट निर्यातकों ने सरकार से यह गुहार भी लगाई है कि कोरोना काल में बढ़ाई गई क्रेडिट लिमिट पर ब्याज माफ किया जाए। साथ ही निर्यात पर चार से पांच फीसद तक अतिरिक्त इंसेंटिव दिया जाए। सितंबर से मार्च तक माल का उत्पादन और डिस्पैच का काम

रेडिमेड गारमेंट निर्यातकों का कहना है कि ओवरसीज मार्केट के लिए सितंबर से मार्च तक समर सीजन के माल का उत्पादन एवं डिस्पैच का काम चलता है। इसमें ज्यादातर लेडीज, जेंट्स एवं किड्स सेगमेंट के लिए टी शर्ट, पायजामा, बरमूडा, कुर्ती इत्यादि शामिल हैं। निर्यातक अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जर्मनी, इटली, इंग्लैंड के अलावा यूरोप के कई देशों में माल का निर्यात करते हैं। पिछले सीजन का 500 करोड़ का समर का माल जमा

निर्यातकों का तर्क है कि वर्ष 2020 में जनवरी, फरवरी और मार्च के दौरान विश्व के कई देशों में कोरोना का कहर बरपा और 22 मार्च से देश में भी लाकडाउन लग गया। नतीजतन निर्यात का सारा माल निर्यातकों के पास ही स्टाक हो गया। उद्यमियों का दावा है कि लुधियाना में पिछले सीजन का 500 करोड़ से अधिक का समर का माल जमा है। निर्यातकों को बूस्ट करने के लिए सरकार अधिक इंसेंटिव दे: हरीश दुआ

निटवियर अपैरल एक्सपोर्टर्स आर्गेनाइजेशन के प्रेसिडेंट हरीश दुआ के अनुसार लाकडाउन के बाद लेबर की भारी कमी हो गई थी। पर अब यह 70 फीसद हो गई है। पहले फोकस पुराने माल को निकालने में था। बायर से बातचीत करके पुराने आर्डर के माल को दस फीसद तक डिस्काउंट देकर निकालने की कोशिश की गई। अब नए आर्डर भी ले रहे हैं। दुआ ने कहा कि निर्यातकों को बूस्ट करने के लिए सरकार को भी अधिक इंसेंटिव देने होंगे। गारमेंट निर्यात में सुधार पर किसान आंदोलन बना बाधा: संजीव धीर

वूल एंड वूलेन एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल (डब्ल्यूडब्ल्यूईपीसी) के चेयरमैन संजीव धीर कहते हैं कि गारमेंट निर्यात में स्थिति लगातार सुधर रही है, लेकिन रेल रोको आंदोलन चितित कर रहा है। ज्यादातर निर्यातक अधिक पैसा खर्च करके माल को सड़क मार्ग से ही पोर्ट तक पहुंचा रहे हैं। सरकार को इस आंदोलन को शीघ्र ही खत्म करने की पहल करनी होगी। धीर ने कहा कि निर्यातकों का नया सीजन बेहतर साबित हो सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.