बारिश में भी महिलाओं ने लगवाई मेहंदी
किसी भी खुशी के खास मौके पर महिलाओं के सजने संवरने की बात हो और उसमें मेंहदी का रंग शामिल न हो ऐसा भले कैसे हो सकता है जबकि करवाचौथ के मौके पर तो महिलाओं का तरफ से अपने सजने संवरने के अन्य तरीकों से कहीं अलग मेंहदी लगवाना सबसे खास माना जाता है।
संस, फिरोजपुर: किसी भी खुशी के खास मौके पर महिलाओं के सजने संवरने की बात हो और उसमें मेंहदी का रंग शामिल न हो, ऐसा भले कैसे हो सकता है, जबकि करवाचौथ के मौके पर तो महिलाओं का तरफ से अपने सजने संवरने के अन्य तरीकों से कहीं अलग मेंहदी लगवाना सबसे खास माना जाता है।
करवाचौथ के लिए यूं तो महिलाएं करीब एक माह पहले से ही तैयारी मे लग जाती हैं, लेकिन मेंहदी लगवाना दो चार दिन पहले ही शुरू होता है। भले ही शनिवार को बारिश ने मेहंदी लगाने वाले कारिगरों के इस त्योहार पर पैसे कमाने के अरमान को धो डाला, लेकिन इसके बावजूद महिलाओं ने कारीगरों को अपने घरों पर बुलाकर मेहंदी लगवाई गई, जबकि इससे पहले साफ मौसम में मेंहदी लगवाने का काम करवाचौथ से करीब दो दिन पहले देर रात या फिर करवाचौथ वाली सुबह तक चलता रहता था। शनिवार करीब सात बजे शुरू हुई बारिश रात तक चलती रही और बाजारों ने पानी भरने के कारण मेहंदी लगाने के स्टाल तो नहीं लग पाए, लेकिन अधिकतर महिलाओं की तरफ से कारीगरों को अपने घरों पर बुलाकर मेंहदी लगवाई गई।
यूपी से आकर मेंहदी लगाने वाले शिव के अलावा अन्य स्टाल लगाए बैठी संजना, शालू व रानी ने बताया कि बारिश के कारण उनका काफी नुकसान हुआ है, क्योंकि यदि वो अपने स्टाल पर सारी रात बैठती तो चलता फिरता ग्राहक आता रहता लेकिन बारिश की वजह से ऐसा नही हो पाया। उन्होंने बताया कि मेंहदी लगवाने के लिए हर कोई तो घर पर नहीं बुला सकता। उन्होंने बताया कि मेंहदी लगवाने के लिए पचास रुपये से एक हजार रुपये तक चार्ज किए जाते हैं।