इलाज में लापरवाही, मृतक के परिजनों से सिक्योरिटी गार्ड ने की मारपीट
जागरण संवाददाता, लुधियाना भारत नगर चौक स्थित ईएसआइसी मॉडल अस्पताल सोमवार को उस वक्त लड़
जागरण संवाददाता, लुधियाना
भारत नगर चौक स्थित ईएसआइसी मॉडल अस्पताल सोमवार को उस वक्त लड़ाई का अखाड़ा बन गया, जब एक मरीज की मौत के बाद इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रहे परिजनों व सिक्योरिटी गार्ड के बीच जमकर हाथापाई हुई। दोनों पक्ष काफी देर तक एक-दूसरे को पीटते रहे। इस दौरान मौके पर पुलिस मुलाजिम भी मौजूद थे। अस्पताल में आए मरीजों व दूसरे सिक्योरिटी गार्डो ने जब देखा कि पुलिस दोनों पक्षों को रोकने के लिये कुछ नहीं कर रही, तो वे खुद बीच बचाव करने को कूद पड़े। घटना स्थल पर कोचर मार्केट पुलिस चौकी से आधा दर्जन से अधिक पुलिस मुलाजिम पहुंचे और मामला शांत करवाया।
मरीज को समय पर इलाज न मिलने से हुई मौत: परिजन
बहादुरके रोड निवासी राहुल गुप्ता ने आरोप लगाया कि उनके पिता विजय शंकर गुप्ता को सोमवार को वह दोपहर 2:30 बजे ईएसआइसी अस्पताल लेकर आए। उनके पिता को टायफाइड, किडनी में सोजिश थी, सांस लेने में तकलीफ थी। इससे चार दिन पहले उनके पिता का सराभा नगर स्थित एक निजी अस्पताल में लिवर इंफेक्शन का इलाज चल रहा था।
बकौल राहुल सोमवार को निजी अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि उनके पिता की लीवर की इंफेक्शन ठीक हो चुकी है। अब ईएसआइसी में फैक्चर का इलाज करवा लो। वह पिता को लेकर ईएसआइसी अस्पताल पहुंचे। करीब पांच मिनट बाद स्ट्रेचर मिलने पर वह पिता को लेकर इमरजेंसी में गए। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने उनसे कहा कि पहले पर्ची बनाओ, फिर उपचार होगा। उस दौरान पिता की सांस फूल रही थी।
राहुल का आरोप है कि वह और उनकी पत्नी पर्ची बनवाने चले गए। करीब 15 मिनट बाद वह पर्ची बनवाकर लौटे, तब डॉक्टर ने पिता का चेकअप किया। तब तक पिता की सांसें बंद हो चुकी थीं। पिता की मौत के बाद राहुल ने डॉक्टर के समक्ष इलाज देर से शुरू होने का विरोध किया तो सिक्योरिटी गार्ड व सफेद शर्ट पहने कर्मी आए और उसे व उनके परिजनों को धक्का मारने लगे। विरोध करने पर आरोपियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। बचाव में उन्होंने भी हाथ उठाया।
पहले ही मरीज की हो चुकी थी मौत
ईएसआइसी अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ बलराज भंडार ने कहा कि जब मरीज अस्पताल आया तो उसकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर ने जांच के बाद मरीज के मृत होने के बारे में जब परिजनों को बताया, तो वे भड़क गए। इमरजेंसी में तोड़ फोड़ की। जब सिक्योरिटी गार्ड व अन्य कर्मियों ने परिजनों को रोकने की कोशिश की, तो परिजनों ने स्टाफ के साथ हाथापाई की।
लिखित शिकायत नहीं मिली
थाना डिवीजन नंबर पांच के एसएचओ विनोद कुमार ने कहा कि मृतक के परिजनों द्वारा इलाज में लापरवाही की लिखित शिकायत नहीं मिली है। लेकिन फिर भी मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। जिससे की मौत के कारण स्पष्ट हो सके।