रुख है तो मनुख है, पर्यावरण बचाएं,अच्छा जीवन जीएं
जगराओं वाहेगुरु कुदरत में बसते हैं और कुदरत की संभाल से ही हम वाहेगुरु को अपने समीप महसूस कर सकते हैं।
बिदु उप्पल, जगराओं: वाहेगुरु कुदरत में बसते हैं और कुदरत की संभाल से ही हम वाहेगुरु को अपने समीप महसूस कर सकते हैं, लेकिन आधुनिक जीवन शैली ने लोगों को कुदरती स्त्रोतों को संभालने की बजाय बाजारी चीजों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित कर दिया है। इससे हमारी बहुमूल्य कुदरत खत्म हो जा रही है, जिससे हम आने वाले समय में शुद्ध हवा, पानी, मिट्टी व अग्नि से वंचित रह जाएंगे। शुक्रवार को पर्यावरण दिवस पर दैनिक जागरण ने शहर की उन शख्सियतों से बात की, जो कुदरत को संभालकर समाज के हर वर्ग को इसके लिए जागरूक कर रही हैं। रुख है तो मनुख है, पर काम करने की तमन्ना रखने वाले सतपाल देहड़का के पर्यावरण प्रेमी सतपाल सिंह देहड़का ने चार वर्ष पहले ग्रीन पंजाब मिशन की शुरुआत की है। इसके जरिए वह अब तक गांवों व शहरों में 40 हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं और अब जगराओं तहसील परिसर में भी पार्क बनवा रहे हैं। इसके लिए वह स्कूल व कॉलेजों के विद्यार्थियों व पर्यावरण प्रेमियों को साथ लेकर अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए जागरूकता फैला रहे हैं
कुदरत की संभाल करना जरूरी: मास्टर हरनारायण सिंह
सरकारी प्राइमरी स्कूल अखाड़ा के अध्यापक मास्टर हरनारायण सिंह को कुदरत से बहुत प्यार है और वह पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुदरत की संभाल न होने के कारण पानी के जीवों की कई प्रजातियां व जीव जंतु खत्म हो चुके हैं। इसके अलावा पेड़ों की कमी के चलते प्रदूषण बढ़ने से हरेक व्यक्ति की औसम आयु पौने दो वर्ष कम हो रही है, जोकि चिता का विषय है। उनका कहना है कि पेड़ों की कमी के चलते अशुद्ध वातावरण में लोग सांस ,दिल ,फेफड़ों व चमड़ी की बीमारियों से ग्रस्त हैं। कुदरत से प्यार है: गगनदीप कौर सरकारी स्कूल की टीचर गगनदीप कौर को कुदरत से बहुत प्यार है। उनका कहना है कि पेड़ पौधों की संभाल के साथ वह बच्चों को अपने जन्मदिन व परिवार में होने वाले समारोहों में अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए जागरूक करती हैं।
पर्यावरण से करो प्यार: प्रो. कर्म सिंह संधू एलआरएम डीएवी कालेज जगराओं के पंजाबी विभाग के प्रोफेसर कर्म सिंह संधू ग्रीन पंजाब मिशन सहित स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से लोगों को पर्यावरण से करो प्यार, पेड़-पौधे लगाओ का संदेश देते हैं। उनका कहना है कि शुद्ध वातावरण में ही हम स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
हिम्मत वर्मा गांवों में लगवाते हैं पौधे जगराओं के ज्वेलर्स व पर्यावरण प्रेमी हिम्मत वर्मा अपने खर्च पर गांवों में युवाओं को साथ लेकर पेड़-पौधे लगाकर उनकी ट्री-गार्ड से संभालभी करते हैं। इसके अलावा गांवों के युवा व लोग भी पेड़ पौधों की संभाल करते है। उनका कहना है कि आज कुदरत ही बहूमूल्य है, जिसको बचाने की जरूरत है।