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अब उद्यमी कारखानों में उत्पादन के साथ करेंगे पर्यावरण की संभाल

लगातार पर्यावरण को हो रहे नुकसान से अब चीन में भी इंडस्ट्री के लिए रुकावटें खड़ी हो गई हैं। चीन में केमिकल और स्टील के कई यूनिटों को पर्यावरण के लिए घातक मानकर बंद करना पड़ा है, जिसका असर भारतीय औद्योगिक क्षमता पर भी पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 02:45 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 02:45 PM (IST)
अब उद्यमी कारखानों में उत्पादन के साथ करेंगे पर्यावरण की संभाल
अब उद्यमी कारखानों में उत्पादन के साथ करेंगे पर्यावरण की संभाल

मुनीश शर्मा, लुधियाना : लगातार पर्यावरण को हो रहे नुकसान से अब चीन में भी इंडस्ट्री के लिए रुकावटें खड़ी हो गई हैं। चीन में केमिकल और स्टील के कई यूनिटों को पर्यावरण के लिए घातक मानकर बंद करना पड़ा है, जिसका असर भारतीय औद्योगिक क्षमता पर भी पड़ा है। चीन से आयात होने वाले उत्पादों के दाम अधिक होने से अब हौजरी सेक्टर को महंगे डाइज एवं केमिकल और स्टील यूनिटों को महंगे स्टील उत्पादों से दो चार होना पड़ रहा है। ऐसे में अब भारतीय कंपनियों ने पर्यावरण संभाल की अहमियत को समझते हुए इस पर काम करना आरंभ किया है और फोकल प्वाइंटों को हरा-भरा करने के लिए प्रत्येक यूनिट को कुछ पेड़ अडाप्ट करने के साथ वाटर सेविंग के लिए जागरूकता का अभियान छेड़ा है। इसके लिए चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीयल एवं कॉमर्शियल अंडरटेकिंग (सीआइसीयू) एक साल तक कारखानों में पानी के बचाव को लेकर अभियान चलाएगा। पूरे साल इंडस्ट्री को करेंगे जागरूक

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प्रधान उपकार सिंह आहुजा ने कहा कि पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। केवल तीन प्रतिशत पानी ही इंसानों के इस्तेमाल लायक है, जिसे बचाना हम सबके लिए बेहद जरूरी है। इसको लेकर सीआइसीयू की एग्जीक्यूटिव कमेटी ने फैसला किया है कि इस साल को इंडस्ट्री में सेव वाटर थीम पर काम किया जाएगा। इसके लिए रेन हार्वेस्टिंग और वाटर रिसाइकलिंग पर काम किया जाएगा। इसके साथ ही कारखानों में पानी के कम इस्तेमाल, फोम टैप्स, जिससे पानी कम इस्तेमाल हो, किचन का पानी गार्डनिंग के लिए, इको फ्रेंडली कार क्लीनिंग, टॉयलेट में पानी के कम इस्तेमाल पर सभी को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए सीआइसीयू की ओर से इनवायरमेंट प्रोटेक्ट कमेटी का भी गठन किया गया।

फीको फोकल प्वाइंट को करेगा हराभरा

फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार के मुताबिक हमारा लक्ष्य पूरे शहर को हराभरा करना है। इसके लिए एक लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए फोकल प्वाइंट के सभी यूनिटों को शामिल किया जाएगा। उन्हें पेड़ लगाने के साथ-साथ इसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी दी जाएगी, ताकि केवल लगाने तक ही सीमित न रह जाएं।


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