निडरता से ड्यूटी निभा रहा ईएमटी गुरप्रीत
लुधियाना देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस वायरस से संक्रमित लोगो की संख्या 45 हजार पर पुहंच चुकी है। पंजाब में भी कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 1250 के पार हो चुकी है। इस मुश्किल भरे दौर में देशभर मे मेडिकल स्टाफ पुलिस व जिला प्रशासन योद्धा के रूप में अपनी अपनी ड्यूटियों पर निरंतर डटे हुए हैं।वही पंजाब सरकार की एंबुलेंस सेवा 108 में ईएमटी गुरप्रीत निडरता से अपनी सेवा निभा रहा है।
अश्वनी पाहवा, लुधियाना
देशभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस मुश्किल भरे दौर में देशभर में मेडिकल स्टाफ, पुलिस व जिला प्रशासन कोरोना योद्धा के रूप में अपनी-अपनी ड्यूटियों पर निरंतर डटे हुए हैं। वहीं पंजाब सरकार की एंबुलेंस सेवा 108 से कोरोना के खिलाफ जंग में काफी मदद मिल रही है। ऐसा ही एक योद्धा गुरप्रीत सिंह है। वह लुधियाना की 108 एंबुलेंस में बतौर ईएमटी निडरता से ड्यूटी निभा रहा है।
गुरदासपुर के गांव डेरा बाबा नानक के रहने वाले गुरप्रीत सिंह ने बताया कि वह पिछले पांच सालों से लुधियाना में चल रही 108 एंबुलेंस में बतौर ईएमटी( इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) के रूप में लोगों की सेवा में जुटा हुआ है। उसके परिवार में उसके माता-पिता और पत्नी हैं। माता-पिता दोनों बुजुर्ग होने के चलते घर पर ही रहते हैं और पत्नी गृहिणी है। वह रोजाना 12 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहता है।
गुरप्रीत ने बताया कि ड्यूटी के दौरान वह शहर के विभिन्न इलाकों से कोरोना वायरस के संदिग्ध व पॉजिटिव मरीजों को एंबुलेंस में बिठाकर अस्पताल में दाखिल करवाता है। वह हमेशा ड्यूटी के दौरान पीपीई किट पहन कर रखता है।
गुरप्रीत ने बताया कि उसके काम में जोखिम को देखते हुए वह पिछले एक माह से अपने परिवार से दूरी बनाए हुए है। वह पिछले एक माह से अपने घर पर अपने परिवारिक सदस्यों को मिलने नहीं गया। वह लुधियाना में ही सरकारी क्वार्टर में रहता है। वह हमेशा ड्यूटी पर पर्याप्त एहतियात बरतता है। वह किसी भी मरीज को एंबुलेंस में बिठाने से पहले उसे अच्छी तरह से सैनिटाइज करता है और उसे पर्याप्त एहतियात बरतने के सुझाव देता है।
गुरप्रीत सिंह ने बताया कि पिछले दिनों श्री नांदेड़ साहिब से लौटे श्रद्धालुओं में से कई श्रद्धालुओं की रिपोर्ट पॉजिटिव निकले पर विभाग की तरफ से उसकी ड्यूटी लगाई गई थी, जिन्हें 108 एंबुलेंस में बिठाकर उसने सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया है। उसने बताया कि उसे ड्यूटी के दौरान किसी भी तरह का भय नहीं लगता। उसके परिवारिक सदस्य हमेशा उसे निडरता से ड्यूटी करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।