डीसी के आने से पहले कर्मी को फटकार, मित्तरा फड़ेया तूं जाना ए
नवनियुक्त डीसी वरिंदर कुमार शर्मा के चार्ज लेने से पहले कर्मचारी सचिवालय परिसर की कमीपेशियों को दुरुस्त करने में जुटे थे।
राजेश शर्मा, लुधियाना : नवनियुक्त डीसी वरिंदर कुमार शर्मा के चार्ज लेने से पहले कर्मचारी सचिवालय परिसर की कमीपेशियों को दुरुस्त करने में जुटे थे। इसी प्रक्रिया में पब्लिक एंट्री गेट प्वाइंट पर पैर से ऑपरेट होने वाले दो सैनिटाइजर लगाकर रख दिए गए। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने कार्यालय में पहुंचने के लिए इसी गेट से गुजरना था। उनके आने से चंद मिनट पहले ही एक कर्मचारी दो सैनिटाइजर के पैक लेकर इन स्टैंड पर रखने लगा। इस दौरान वह भूल ही गया कि पैर से ऑपरेट होने वाले इन दोनों स्टैंड पर सैनिटाइजर की जो बोतल लगा रहा है, वह हाथ से ऑपरेट होने वाली है। वहीं खड़े एक व्यक्ति ने चुटकी लेते हुए कर्मचारी से कह दिया, 'जो मर्जी कर लै मित्तरा, तेरी लीपापोती ता इक दिन फड़ी जाणी। इस पर झेंपते हुए कर्मचारी ने सैनिटाइजर पैक को स्टैंड के एक किनारे पर रख दिया। मास्क उतारें, फोटो करनी है
नवनियुक्त डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा को चार्ज देते ही पूर्व डीसी प्रदीप अग्रवाल कार्यालय से उठकर चले गए। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान दोनों अधिकारियों ने मास्क पहनकर रखा था। अब बारी थी नवनियुक्त डीसी की लुधियाना के मीडिया से पहली बार मुखातिब होने की। उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं संक्षेप में बताते हुए बात खत्म कर दी। तभी फोटो जर्नलिस्ट्स ने डीसी वरिंदर कुमार शर्मा को अपनी-अपनी अखबार के लिए फोटो करवाने की दरखास्त की। डीसी ने मास्क पहना हुआ था तो फोटो खींचने के लिए उन्हें इसे उतारने के लिए कहा। इस पर डीसी ने सहजता से कहा कि अगर आप लोग मास्क के साथ ही फोटो खींच लेते तो बेहतर होता। मैं चाहता हूं कि जनता तक मास्क पहनने का ही मैसेज जाए। फोटो जर्नलिस्ट ने फिर से निवेदन किया, इस पर डीसी ने मुस्कराते हुए मास्क को उतारने की बजाय सिर्फ चेहरे से हलका सा सरका लिया। एक ही सक्रिय, बाकी शात
कोरोना कॉल में सिर्फ एक पार्टी है जिसकी गतिविधिया जिले में जारी है। वह है भारतीय जनता पार्टी। इस पीरियड में ही जिला अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंघल की नियुक्ति हो गई। राज्यस्तरीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में पदभार ग्रहण समारोह भी हो गया। बात यहीं नहीं रुकी। हाईकमान से जनसंपर्क अभियान का खाका भी तैयार होकर आ गया। इसके तहत जिला स्तर के पदाधिकारियों की मीटिंग से लेकर प्रधानमंत्री का पत्र व केंद्र सरकार की एक साल की उपलब्धियों को लेकर घर-घर जाने के लिए पाच हजार कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाने की प्रक्रिया भी लगभग पूरी होने को है। यही नहीं, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना भी यहा बैठक करके गए। इसके विपरीत सत्ताधारी काग्रेस, विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी सहित अन्य राजनीतिक पाíटयों की गतिविधिया थमी हुई हैं। लोग चर्चा कर रहे है कि कि भाजपा के अलावा सभी पाíटयों में कोरोना का खौफ है। रिपोर्ट का बदल गया स्टाइल
मार्च में जब कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ तो जिला प्रशासन ने मीडिया को हर रोज एक रिपोर्ट जारी करनी शुरू की। इसमें बताया जाता है कि जिले में पिछले 24 घटे के दौरान कितने लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए। शुरुआती दौर में जब आकड़ा कभी एक तो कभी दो तक सीमित था तो रिपोर्ट के सबसे ऊपर यही संख्या लिखी जाती थी, लेकिन जब कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ने लगी तो इस डेली रिपोर्ट का स्टाइल भी बदल गया। रिपोर्ट देखकर लगता है जैसे जिला प्रशासन मजबूरी में ही पॉजिटिव मरीजों की जानकारी दे रहा है। जैसे रिपोर्ट की हेडलाइन ही यही होती है कि नौ मरीज रिकवर हुए जबकि इसी मैटर में पाचवीं से आठवीं लाइन में बताया जाता है कि पिछले 24 घटे में 35 नए कोरोना मरीज जिले से मिले हैं। ऐसा लगता है कि प्रशासन अब लोगों को भ्रम में रखना चाहता है।