Punjab Power Crisis: कोयला संकट बरकरार, पावरकाम ने खरीदी 1800 मेगावाट बिजली; थर्मल प्लांटाें में बचा 2 दिन का स्टाक
Punjab Power Crisis पावरकाम के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर ए वेणु प्रसाद ने माना कि कोयला स्टाक की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य के थर्मल प्रोजेक्टों के लिए जहां 22 रैक कोयले की जरूरत थी वहीं इसके विपरीत राज्य में 13 रैक कोयला ही सप्लाई हुआ।
जागरण संवाददाता, पटियाला। Punjab Power Crisis: पंजाब के थर्मल प्लांटों में कोयला संकट अभी सहज नहीं हुआ है। हालात ऐसे हैं कि राज्य में सरकारी और प्राइवेट सभी पांचों थर्मल प्लांटों के पास दो-दो दिन के कोयला का स्टाक ही बचा है। ऐसे में राजपुरा थर्मल प्लांट को छोड़कर बाकी चारों थर्मल प्लांट रोपड़, लहरा मोहब्बत, तलवंडी साबो और गोइंदवाल साहिब, अपनी पूरी क्षमता से आधी क्षमता पर ही चल रहे हैं। दूसरी ओर बुधवार को राज्य में बिजली की अधिकतम मांग 9352 मेगावाट रिकार्ड की गई जिसे पूरा करने के लिए पावरकाम को ओपन एक्सचेंज सिस्टम के तहत 1800 मेगावाट बिजली 10 रुपये 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से खरीदा गया।
जरूरत 22 की तो पहुंचे कोयले के 13 रैक
पावरकाम के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर ए वेणु प्रसाद ने माना कि कोयला स्टाक की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य के थर्मल प्रोजेक्टों के लिए जहां 22 रैक कोयले की जरूरत थी वहीं, इसके विपरीत राज्य में 13 रैक कोयला ही सप्लाई हुआ। एक रैक में करीब चार हजार मीट्रिक टन कोयला होता है। उन्होंने बताया कि अगले दिनों में कोयला पहुंचने की स्थिति सुधरने की संभावना है। मौजूदा समय में राज्य के पांचों थर्मलों की कुल 15 यूनिटों में से 12 यूनिट चल रहे हैं। इनमें रोपड़ और गोइंदवाल साहिब की एक-एक यूनिट को फिर से चालू किया गया है। ऐसे में बुधवार को राज्य में पावर कट काफी कम लगे।
आनंदपुर साहिब हाइडल प्रोजेक्ट से 25 पैसे प्रति यूनिट पड़ती है बिजली
इसके अलावा आनंदपुर साहिब हाइडल प्रोजेक्ट ने रिकार्ड समय में चैनल की मरम्मत के बाद 84 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया है। यह पावर जनरेशन पावरकाम के लिए ज्यादा फायदेमंद है चूंकि यहां उसे बिजली की दर महज 25 पैसे प्रति यूनिट पड़ती है।
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