पीएसईबी की परीक्षा फीस लेने का डीटीएफ ने किया विरोध, कहा- कोरोना संकट में विद्यार्थियों की फीस की जाए माफ
जिला प्रधान जसवीर सिंह जनरल सेक्रेटरी रूपिंदर पाल गिल ने कहा कि कोरोना संकट के चलते पहले से ही अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है दूसरा बोर्ड ने भारी परीक्षा फीस लेने का नोटिफेकिशन जारी कर दिया है।
लुधियाना, जेएनएन। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) की तरफ से सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को भारी भरकम परीक्षा फीस देने के लिए कहा गया है जिसका डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट(डीटीएफ) ने विरोध जताया है। फ्रंट के सदस्यों ने इस संबंध में एक मीटिंग की। मीटिंग को संबोधित करते जिला प्रधान जसवीर सिंह, जनरल सेक्रेटरी रूपिंदर पाल गिल ने कहा कि कोरोना संकट के चलते पहले से ही अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, दूसरा बोर्ड ने भारी परीक्षा फीस लेने का नोटिफेकिशन जारी कर दिया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार को चाहिए कि पिछले साल बोर्ड परीक्षाओं के खर्चे में हुई बचत को ध्यान में रखते हुए सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों की सारी फीसें माफ की जाए। उन्होंने पीएसईबी बोर्ड और अध्यापकों से क्लर्क का काम लेने का आरोप लगाते कहा कि बोर्ड के सभी डाटा एंट्री का काम अध्यापकों की ओर से किया जा रहा है। इसके अलावा पिछले सेशन में बोर्ड की ओर से परीक्षा ली गई थी और कोरोना कारण परीक्षाएं नहीं हो पाई थी। वहीं बोर्ड को इसका फायदा हुआ था क्योंकि परीक्षाएं न होने के चलते न तो बोर्ड को परीक्षा ड्यूटी के लिए भुगतान करना पड़ा और न ही उत्तर पुस्तिकाओं के लिए खर्चा देना पड़ा।
फ्रंट के सदस्यों ने कहा कि लाकडाउन के दिनों में शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला की तरफ से बयान जारी कर विद्यार्थियों की फीस माफी की घोषणाएं की गई थी पर अब पीएसईबी विद्यार्थियों को फीस भरने की बातें कह रहा है। डीटीएफ ने विद्यार्थियों की फीस माफी की अपील की है। इस दौरान डीटीएफ के जिला सचिव सुखविंदर लील, हरभजन सिद्धू, बलवीर, गुरमीत सिंह, मनप्रीत सिंह, हरकेश चौधरी, सुरिंदर शर्मा, प्रदीप सराभा आदि मौजूद हुए।