लॉकडाउन-तीन में घुमाया अर्थव्यवस्था का पहिया, Lock down 4.0 मेें पकड़ेगा रफ्तार
Lock down 4.0 लागू होने के साथ पंजाब में उद्योगों का पहिया तेज होगा। राज्य में उद्योग लॉकडाउन तीन के दौरान ही शुरू हो गए थे। अब राज्य की अर्थव्यवस्था का पहिया तेज होगा।
लुधियाना, [राजीव शर्मा]। Lock down 4.0: पंजाब में अब उद्योग और अर्थ व्यवस्था की गति तेज होगी। कोरोना महामारी के चलते ठप हुई आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए लॉकडाउन-तीन में उद्योगपतियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। इनकी कोशिशों से अर्थव्यवस्था का पहिया घूमने लगा है, अब लॉकडाउन-चार में यह पूरी रफ्तार पकड़ेगा। पंजाब सरकार ने विभिन्न श्रेणियों में सशर्त उद्योग को चलाने की इजाजत दे रही है। उद्यमी कोरोना समेत तमाम चुनौतियों के बावजूद श्रमिकों को कामकाज देने के मकसद से इकाइयों को चला रहे हैं।
13 हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों में शुरू हो चुका है उत्पादन
उद्यमियों का तर्क है कि मौजूदा परिस्थितियों में सप्लाई चेन को खोलने के बाद ही उद्योगों में उत्पादन को और गति दी जा सकेगी। अभी केवल 25 से 35 फीसद तक ही उत्पादन हो पा रहा है और उसी अनुपात में श्रमिकों को बुलाया जा रहा है। उद्यमियों ने सरकार से आग्रह किया है कि धीरे-धीरे सप्लाई चेन के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को भी सुचारू किया जाए। तभी उद्योग जगत में रौनक आ पाएगी।
पंजाब के उद्योग विभाग ने सूबे में अब तक लगभग 13 हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों को चलाने के लिए मंजूरी दी है। इन इकाइयों में ढाई लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी लुधियाना में ही 6500 इकाइयों को चलाने के लिए मंजूरी दी गई है। उद्योग विभाग के निदेशक सिबिन सी का तर्क है कि उद्यमियों को नियमों के अनुसार ही इकाइयों चलाने की मंजूरी दी जा रही है।
श्रमिक संकट बड़ी चुनौती
ऑल इंडिया ट्रेड फोरम के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में कुल 25 लाख श्रमिक दूसरे राज्यों से आकर काम कर रहे हैं। इनमें से आठ लाख श्रमिक सिर्फ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज क्षेत्र की इकाइयों में कार्यरत हैं। सूबे में लगभग 11 लाख श्रमिकों ने अपने-अपने गांव जाने के लिए सरकार के पास आवेदन किया है। श्रमिकों को विशेष ट्रेनों के जरिए उनके गांवों में भेजा जा रहा है। श्रमिक संकट प्रदेश के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। फोरम के अनुसार माइक्रो सेक्टर को ही लॉकडाउन के दौरान प्रॉफिट में चार सौ करोड़ का नुकसान हो चुका है।
कच्चे माल की आपूर्ति न होना बड़ी दिक्कत
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में पंजाब चैप्टर के चेयरमैन आरएस सचदेवा का कहना है कि प्रदेश में श्रमिकों को रोकने के लिए औद्योगिक गतिविधियां अधिकृत क्षेत्रों एवं ग्रामीण इलाकों में शुरू की गई हैं। मगर उद्योग जगत को क'चे माल की आपूर्ति एवं तैयार माल की निकासी की दिक्कत आ रही है। दिल्ली-एनसीआर में सख्ती के कारण क'चा माल नहीं आ रहा है। सोनीपत में कुंडली बैरियर पर भी दिक्कत है। महाराष्ट्र से भी क'चे माल की आपूर्ति नहीं हो पा रही। ऐसे में इंडस्ट्री को जरूरत के अनुसार क'चा माल नहीं मिल रहा है और इकाइयां चलाने में दिक्कत आ रही है।
नेवा गारमेंट्स में 33 फीसद लेबर के साथ काम शुरू
नेवा गारमेंट्स लिमिटेड की डायरेक्टर निति जैन का कहना है कि लेबर को काम देने के लिए इकाई में उत्पादन शुरू किया गया है। अभी केवल 33 फीसद लेबर से ही काम की शुरुआत की गई है। अब ङ्क्षवटर की मैन्युफैक्चङ्क्षरग पर ही ध्यान है। ग्रीन जोन में कुछ रिटेल आउटलेट खुल गए हैं। वहां से करीब 20 फीसद मांग आ रही है। उसके अनुसार डिस्पैच शुरू किए जा रहे हैं। कंपनी पीपीई किट एवं मास्क बना रही है। उनकी भी बिक्री चल रही है। पूरी इकाई को पटरी पर आने में वक्त लगेगा।
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