पीएमआईडीसी ने दी हिदायतें, कहा-कूड़ा सेग्रीगेट करवाकर पैसे कमाएं सफाई सेवक
पंजाब म्यूनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपमेंट कंपनी सफाई कर्मचारियों को कूड़ा सेग्रीगेट करवाकर आमदनी बढ़ाने के टिप्स दे रही है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : पंजाब म्यूनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपमेंट कंपनी सफाई कर्मचारियों को कूड़ा सेग्रीगेट करवाकर आमदनी बढ़ाने के टिप्स दे रही है। कूड़ा सेग्रीगेट करने से जहा सफाई सेवकों की आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी वहीं नगर निगम के खर्चे में भी कमी आएगी। सफाई सेवकों को यह बात बताने के लिए पीएमआईडीसी की तरफ से बचत भवन में एक ट्रैनिग प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसमें चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर, सेनेटरी इंस्पेक्टरों के साथ साथ हेल्थ ब्राच के अन्य कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा सफाई कर्मियों को स्वस्थ रखने के टिप्स भी बताए गए।
पीएमआइडीसी के प्रोजेक्ट इंचार्ज नीरज कुमार ने सेनेटरी इंस्पेक्टरों व चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टरों को बताया कि वह सफाई सेवकों को कूड़ा सेग्रीगेट करने के फायदे बताएं। उन्होंने कहा कि अगर सफाई सेवक कूड़ा सेग्रीगेट करते हैं तो इससे सीधा उनकी इनकम बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अगर गीला कूड़ा एक तरफ, रद्दी में बिकने वाला कूड़ा एक तरफ और रद्दी में न बिकने वाला सूखा कूड़ा एक तरफ रखें। उन्होंने कहा रद्दी में सूखा कूड़ा बेचकर सफाई सेवक प्रतिदिन 20 से 50 रुपये तक कमा सकते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ रेहड़े के साथ दो बोरे लटकाने होंगे और महिलाओं को यह बताना होगा कि वह गीला कूड़ा और सूखा कूड़ा घरों में अलग अलग रखें। जब लोगों की ऐसी आदत हो जाएगी तो कूड़ा प्रबंधन में नगर निगम को आसानी हो जाएगी। ट्रेनिंग कैंप में नगर निगम लुधियाना और फगवाड़ा के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। कूड़े को आग लगाई तो होगा कैंसर
प्रोजेक्ट इंचार्ज नीरज कुमार ने कहा कि कूड़े को दो तरह के लोग आग लगाते हैं। पहले तो दुकानदार होते हैं जो कूड़ा निकालकर किसी बिजली के खंभे के पास आग लगाते हैं। दूसरा सफाई सेवक होता है। उन्होंने कहा कि सफाई सेवकों को यह बात समझानी जरूरी होगी कि कूड़ा लगाने से उनको ही कैंसर हो सकता है।
रैपर वाले कूड़े को खरीदेंगी सीमेंट फैक्ट्रिया
आजकल घर हो या दफ्तर सब जगह कूड़े में बड़ी मात्रा अलग अलग सामान के रैपर की होती है। यह रैपर रद्दी में भी नहीं बिकता। सफाई सेवक सूखे कूड़े में से इन रैपर्स को अलग करेगा और बाद में निगम से सीमेंट फैक्ट्रिया इस कूड़े को लेकर चले जाएंगी। उन्होंने बताया कि दो अक्तूबर को प्रधानमंत्री नई पॉलिसी जारी करने जा रहे हैं। जिसमें सीमेंट फैक्ट्रियों को रैपर वाला सूखा कूड़ा खरीदना होगा और उन्हें फ्यूल के तौर पर 25 फीसदी इसका इस्तेमाल करना होगा।
घर में बना सकते हैं कंपोस्ट यूनिट
पीएमआईडीसी के प्रोजेक्ट इंचार्ज नीरज कुमार का कहना है कि कीचन वेस्ट से हर आदमी अपने घर में भी खाद बना सकता है। इसके लिए उन्हें ज्यादा कुछ नहीं करना है। सिर्फ प्लास्टिक की बड़ी बाल्टिया लेकर उन पर नीचे और साइड में छेद कर देने हैं। उसमें फिर कीचन वेस्ट को डालते जाएंगे। इन बाल्टियों को छत पर या कीचन गार्डन के किनारे पर ढककर रख लें। रोजना कूड़ा इसमें डालते रहें। करीब 15 दिन बाद कीचन वेस्ट कूड़े में तब्दील हो जाता है। ऐसे तीन चार कंटेनर रखे तो कूड़ा बाहर देने की जरूरत नहीं होगी।