दो जगह भारी जुर्माना भर चालक दौड़ा रहे ओवरलोड वाहन, जल्द होगा ई-चालान Ludhiana News
पंजाब सरकार की मंजूरी मिलते ही हाईवे पर बने टोल प्लाजों पर ओवरलोड वाहनों के ऑनलाइन चालान शुरू किए जाएंगे।
लुधियाना, [राजन कैंथ]। सड़क हादसों के बावजूद ओवरलोड गाड़ियां हाईवे पर सरपट दौड़ रही हैं। उसके लिए भले ही उन्हें दो जगह जुर्माना भरना पड़े। कानून को ठेंगा दिखाने पर टोल प्लाजा कर्मी तो ओवरलोड चार्ज वसूल करते ही है। वहीं पुलिस अधिकारी उनका चालान काटने के अलावा अपनी जेब गर्म करते हुए सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ही ये आरोप लगाए हैं। हालांकि कानूनन ओवरलोड वाहन टोल प्लाजा से पास ही नहीं किया जा सकता। ट्रांसपोर्ट विभाग यदि चाहे तो टोल प्लाजा पर ही पक्का नाका लगाकर ऐसी गाड़ियों को बंद कर सकता है। अथवा गाड़ी को ओवरलोड से अंडरलोड करके आगे रवाना कर सकता है। राजस्थान समेत कई राज्यों में ट्रांसपोर्ट विभाग ने टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर ओवरलोड गाड़ियों के मालिकों को ऑनलाइन चालान भेजने शुरू कर दिए हैं। मगर अब पंजाब सरकार को भी इस तरह कार्रवाई करने के प्रस्ताव को बनाकर भेजा गया है। सरकार की मंजूरी मिलते ही हाईवे पर बने टोल प्लाजों पर ओवरलोड वाहनों के ऑनलाइन चालान शुरू किए जाएंगे।
टोल पर 10 गुणा अधिक जुर्माने का है प्रावधान
डीजीएम टोल प्लाजा ऑपरेशन निमेश तिवारी ने कहा कि गजेट ऑफ इंडिया के मुताबिक ओवरलोड वाहन से टोल की तयशुदा रकम से दस गुणा ज्यादा जुर्माना लिया जा सकता है, मगर प्रैक्टीकली ऐसा हो नहीं पाता।, इसलिए टोल से थोड़े ज्यादा चार्ज ही लिए जाते हैं।
टोल पर ही ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा: आरटीए
आरटीए लुधियाना दमनजीत सिंह मान ने कहा कि ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए टोल प्लाजा पर ही कार्रवाई के लिए योजना बनाई जा रही है। छह महीने पहले उसका प्रस्ताव बनाकर पंजाब सरकार को भेजा जा चुका है। मंजूरी मिलने पर टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से गुजरने वाले ओवरलोड वाहन मालिक के पते पर चालान भेजा जा सकेगा। इसके अलावा पुलिस की मदद से टोल प्लाजा पर नाका लगाने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि मौके पर ही वाहन का चालान काट उसके खिलाफ बनती कार्रवाई की जा सके।
इतना होता है जुर्माना, फिर भी नहीं सुधरते
ट्रांसपोर्टर अश्विनी लूंबा के अनुसार, टोल प्लाजा पर दस टायरी ट्रक की पर्ची एक हजार रुपये है, मगर ओवरलोड ट्रक से 700 रुपये अलग वसूले जाते हैं। उसके बाद यदि आरटीओ ने पकड़ लिया तो वो पांच से 25 हजार रुपये तक जुर्माना करते हैं। उसके बाद जगह-जगह खड़े पुलिस कर्मी अलग से वसूली करते हैं। ओवरलोड गाड़ी को टोल प्लाजा पर बंद कर अन्य पुलिस कर्मियों की वसूली बंद होनी चाहिए।
ओवरलोड गाड़ियों पर रोक लगनी चाहिए। टोल प्लाजा का रिकॉर्ड लेकर ऑनलाइन चालान भेजने चाहिए। सरकार नहीं चाहती कि ओवरलोड गाड़ियां चलें, मगर ट्रांसपोर्ट अधिकारी इसके पक्ष में नहीं हैं। भ्रष्टाचार के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग और पुलिस कर्मी वाहन चालकों को परेशान करते हैं, पर रोक लगे।
-चरण सिंह लोहारा (चेयरमैन), ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसो.
ओवरलोड वाहन के लिए आरटीओ की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। जिस जिले में ऐसे वाहन दौड़ते नजर आएं, वहां के आरटीए पर कार्रवाई होनी चाहिए। हमारे सिस्टम में ही भ्रष्टाचार फैला हुआ है। अधिकारी अपनी तय फीस लेकर ओवरलोड वाहनों को जाने देते हैं। ओवरलोड गाड़ियां सड़कों को नुकसान पहुंचाती हैं। इस पर भी ध्यान नहीं दिया जाता।
-जगदीश जस्सोवाल (मीडिया प्रभारी), ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसो.
ओवरलोड गाड़ी को पासिंग न देने के लिए टोल प्लाजा को स्पष्ट निर्देश होने चाहिए, परंतु टोल प्लाजा ने ओवरलोड गाड़ियों से अतिरिक्त वसूली करने से कमाई का साधन बना लिया है। ओवरलोड वाहन ले जाने वाले को भी ज्यादा पैसे देने पर दुख नहीं होता। सरकार ने सड़कें बनाकर टोल लगाए हैं तो उसे यह भी समझना चाहिए कि ओवरलोड गाड़ियां सड़कों का कितना नुकसान कर रही हैं।
-दीदार सिंह (प्रधान), लुधियाना गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन
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