ई-एफिलिएटेड स्कूलों ने पंजाब सरकार के खिलाफ खाेला मोर्चा, कहा-शिक्षा बोर्ड की शर्तें नहीं मंजूर
बैठक पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा पांचवी और आठवीं तक चल रहे हैं स्कूलों के लिए शर्तें तय की गई लेकिन बोर्ड ने इन स्कूलों के प्रतिनिधियों से शर्त तय करते वक्त कोई संपर्क नहीं किया जिससे स्कूल संचालकों में प्रदोष है।
लुधियाना, जेएनएन। ई एफिलिएशन स्कूलों की बैठक स्कूल संघ के प्रधान जनार्दन भट्ट और एपीएस के चेयरमैन बलवंत सिंह निर्माण की अध्यक्षता में निर्माण स्कूल शिमलापुरी में हुई। बैठक में एसोसिएट स्कूलों के अलावा पांचवीं और आठवीं तक चल रहे स्कूलों की समस्या चर्चा की गई।
बैठक पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा पांचवी और आठवीं तक चल रहे हैं स्कूलों के लिए शर्तें तय की गई लेकिन बोर्ड ने इन स्कूलों के प्रतिनिधियों से शर्त तय करते वक्त कोई संपर्क नहीं किया, जिससे स्कूल संचालकों में प्रदोष है और स्कूल संचालकों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्दी ही पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन व शिक्षा मंत्री से मिलने जाएगा।
बैठक को संबाेधित करते हुए संघ के महासचिव भुवनेश भट्ट ने कहा कि कई दशकों से चल रहे 3300 के करीब स्कूलों पर अचानक बंदी की तलवार लटक गई। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने पांचवीं आठवीं तक चल रहे स्कूलों पर जो शर्तें थोपी हैं उसे वह पूरा नही कर सकते। इसके अलावा एसोसिएटेड स्कूलों पर भी इसी तरह की शर्तें थोपी गयी। जिसके खिलाफ स्कूल संगठनों को कोर्ट जाने पड़ा। उन्होंने कहा बोर्ड ने पिछले साल इन स्कूलों को ई एफिलिएशन दी थी। अब इन पर जो शर्ते थोपी जा रही हैं वह सही नही हैं।
एपीएस के सचिव राजेश नागर ने कहा कि कोरोना के संकट के इस दौर में पहले ही लोगों के सामने रोजी रोटी की समस्या बनी हुई है, ऊपर से सरकार का यह निर्णय लोगों की कमर ही तोड़ देगा। बजाय कि इन स्कूलों को पैकेज देने के सरकार इन का अस्तित्व ही मिटाने पर आमादा दिखती है।
बैठक में सर्व सम्मति से फैसला किया गया कि इस संबंध में संघर्ष तेज करते हुए बोर्ड और सरकार से जल्दी ही पुनः सम्पर्क किया जाएगा। जिसके लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए शिव कुमार कौशल की अध्यक्षता में 5 मेम्बरी कमेटी का गठन किया गया। संघ के संगठन सचिव ऋषि कौशिक और जसबीर सिंह ने इन स्कूलों को संघर्ष में एसोसिएटेड स्कूलों की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।