कोर्ट के आदेश पर वाटर डिस्पोजल बिल जमा करवाएंगे डाइंग उद्यमी Ludhiana News
पंजाब डायर्स एसोसिएशन के महासचिव बॉबी जिंदल के अनुसार निगम ने शहर की डाइंगों को पानी डिस्पोजल के बिल सालाना एकमुश्त भेज दिए। इससे उद्यमियों में रोष है।
लुधियाना, जेएनएन। नगर निगम की ओर से भेजे गए सालाना बिल पर डाइंग उद्यमियों ने विरोध जताया है। इसके लिए उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने उन्हें आदेश दिए कि वह बिल तो जमा करवा दें, बाकी सुनवाई के दौरान अगर लगा तो उसके हिसाब में राशि वापस कर दी जाएगी।
इस पर पंजाब डायर्स एसोसिएशन के सदस्य पानी डिस्पोजल बिलों का भुगतान तय अवधि के बीच निगम को जमा कराएंगे। साथ ही हाई कोर्ट ने डाइंग मिलों की मंजूर क्षमता के सौ फीसद पानी डिस्पोजल के बिल एकमुश्त भेजने पर नगर निगम से जवाब मांगा है।
पंजाब डायर्स एसोसिएशन के महासचिव बॉबी जिंदल के अनुसार निगम ने शहर की डाइंगों को पानी डिस्पोजल के बिल सालाना एकमुश्त भेज दिए। इससे उद्यमियों में रोष है। इसके विरोध में एसोसिएशन ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने इस संबंध में अब 14 फरवरी को निगम को तलब किया है।
उद्यमियों का कहना है कि डाइंग इंडस्ट्री सीजनल है और वह सारा वक्त नहीं चलती। मिलों ने रोजाना पानी डिस्पोज करने के लिए मंजूरी ली है, लेकिन उतना पानी डिस्पोज नहीं होता। पहले मंजूरी के 50 से 60 फीसद के ही बिल आते थे और बिल तिमाही आ रहे थे। इस बार निगम ने सालाना बिल भेज दिए हैं। यदि किसी डाइंग की मंजूरी एक लाख लीटर पानी रोजाना डिस्पोज करने की है, उसे साल का 60 हजार का बिल भेज दिया गया। इस तरह से क्षमता के हिसाब से मिलों को बिल भेजे गए हैं। इससे उद्यमी खफा हैं।
बॉबी जिंदल ने कहा कि मिलें पहले भी नियम के तहत ही बिल जमा करा रही थीं, लेकिन इस बार निगम से एक साथ बोझ डाल दिया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुस्ती के दौर में इक्टठा बोझ बर्दाश्त करना कठिन हो रहा है।