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बदलाव के लिए तकनीक बनी सहारा, डाइंग का लाखों लीटर पानी अब दोबारा होगा इस्तेमाल

लुधियाना के ताजपुर रोड और बहादुरके रोड में लगने वाले कॉमन एंफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का काम इस साल पूरा हो जाएगा।

By Edited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 05:00 AM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 10:36 AM (IST)
बदलाव के लिए तकनीक बनी सहारा, डाइंग का लाखों लीटर पानी अब दोबारा होगा इस्तेमाल
बदलाव के लिए तकनीक बनी सहारा, डाइंग का लाखों लीटर पानी अब दोबारा होगा इस्तेमाल
मुनीश शर्मा, लुधियाना। लुधियाना के ताजपुर रोड और बहादुरके रोड में लगने वाले कॉमन एंफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का काम इस साल पूरा हो जाएगा। इससे रोजाना का लाखों लीटर पानी दोबारा इस्तेमाल करने के लायक बन जाएगा। दोनों ही इलाके शहर की डाइंग इंडस्ट्री का गढ़ है और इसमें डाइंग के लिए सबसे अहम काम पानी का है। इसको लेकर जहां कंपनियों की ओर से कम पानी के इस्तेमाल से डाइंग किए जाने को लेकर तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। वहीं पानी के महत्व को समझते हुए अब शीघ्र सीईटीपी प्लांट आरंभ करने पर तेजी से काम किया जा रहा है। बात बहादुरके रोड टैक्सटाइल एवं निटवियर एसोसिएशन की ओर से बनाए जा रहे सीईटीपी प्लांट की करें, तो इसका काम आने वाले दो से तीन महीने में पूरा हो जाएगा। ताजपुर रोड पर बन रहे सीईटीपी प्लांट का काम भी अगले साल की मई तक पूरा होने की उम्मीद है। दोनों ही सीईटीपी प्लांट के बनने से इंडस्ट्री का पानी ट्रीट कर दोबारा इस्तेमाल लायक बनाया जाएगा। ऐसे में शहर में रोजाना लाखों लीटर पानी बचेगा और इसे ट्रीट कर दोबारा डाइंग के साथ-साथ अन्य कार्यो के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा।

प्रोजेक्ट के लिए मिल चुकी है केंद्र की सब्सिडी
बहादुरके रोड टैक्सटाइल एवं निटवियर एसोसिएशन की ओर से बनाए जा रहे 15 एमएलडी के सीईटीपी प्लांट के बारे में बहादुरके टैक्सटाइल एंव निटवियर एसोसिएशन के सुभाष सैनी ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रोजेक्ट को शीघ्र पूरा करना है। इससे 25 यूनिटों को लाभ होगा। इससे रोजाना लाखों लीटर पानी को दोबारा इस्तेमाल करने लायक बनाया जाएगा। दो माह के भीतर इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार की सब्सिडी भी मिल चुकी है जो इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में मदद करेगी।

ताजपुर रोड के प्लांट के लिए सरकारी सब्सिडी मिलने में देरी
ताजपुर रोड पर पंजाब डायर्स एसोसिएशन की ओर से लगाए जा रहे 50 एमएलडी के सीईटीपी प्लांट का काम अगले साल मई तक पूरा हो जाएगा। इससे करीब 125 यूनिटों को लाभ होगा। हालांकि इसकी लेटलतीफी का कारण सरकारी सब्सिडी मिलने में देरी होना है। लेकिन अब एसोसिएशन अपने पैसे से इस प्रोजेक्ट को पूरा करेगी। सब्सिडी को लेकर कोर्ट ने भी विभाग को लताड़ा है और शीघ्र सब्सिडी राशि देने को कहा है। इस प्लांट के पूरा होने से लाखों लीटर पानी की बचत होगी। अगर समय पर सब्सिडी मिल जाती है, तो इस प्रोजेक्ट को दो तीन माह में ही पूर्ण कर लिया जाएगा।

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