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तीसरी आंख : साहब का वास्तु शास्त्र प्रेम, तीन बार शिफ्ट किया कार्यालय; जनता परेशान

पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद पुलिस कमिश्नर (सीपी) का ऑफिस पुराने एसएसपी कार्यालय में बनाया गया लेकिन जब सीपी ईश्वर सिंह आए तो उन्होंने नया ऑफिस ही बनवा दिया।

By Vikas KumarEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 03:52 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 02:40 PM (IST)
तीसरी आंख : साहब का वास्तु शास्त्र प्रेम, तीन बार शिफ्ट किया कार्यालय; जनता परेशान
तीसरी आंख : साहब का वास्तु शास्त्र प्रेम, तीन बार शिफ्ट किया कार्यालय; जनता परेशान

लुधियाना [राजन कैंथ]। पुलिस के आला अधिकारियों के वास्तु शास्त्र प्रेम के चलते उनके कार्यालयों को तीन बार शिफ्ट कर दिया गया। जनता को समस्या तो हुई, मगर जिस मकसद से कार्यालय शिफ्ट हुआ, उसका हल आज तक नहीं निकला। पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद पुलिस कमिश्नर (सीपी) का ऑफिस पुराने एसएसपी कार्यालय में बनाया गया, लेकिन जब सीपी ईश्वर सिंह आए तो उन्होंने नया ऑफिस ही बनवा दिया। इसके बाद जतिंदर सिंह औलख आए तो उन्हें लगा कि क्राइम कंट्रोल नहीं हो रहा है तो एक वास्तुशास्त्री ने उन्हें सलाह दी कि ऑफिस ट्रेजरी ऑफिस के साथ बना लें तो कृपा आनी शुरू हो जाएगी। इसके बाद जब सीपी आरएन ढोके आए तो वह फिर से ईश्वर सिंह द्वारा बनवाए गए ऑफिस में शिफ्ट हो गए। इस पूरे सिस्टम के दौरान स्टाफ की तो खैर मजबूरी थी परंतु जनता खूब परेशान हुई।

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आरोपित डॉक्टर की मददगार बनी पुलिस

अपनी फिजियोथेरेपिस्ट से छेड़छाड़ करने वाले आरोपित डॉक्टर को बचाने में मददगार बनी पुलिस आजकल खूब चर्चा में है। मामले को जांच के नाम पर इतना खींचा गया कि डॉक्टर को भागने का मौका मिल गया। हुआ यूं कि समराला के एक गांव की फिजियोथेरेपिस्ट यहां एक अस्पताल में पार्ट टाइम काम करती थी। अस्पताल के मालिक डॉक्टर माहल ने उसके साथ छेड़छाड़ की। फिजियोथेरेपिस्ट ने इसकी शिकायत पुलिस के पास की और वीडियो क्लिप्स भी पुलिस को मुहैया करवाए। लेकिन वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी ने मामले की छानबीन में एक महीने का समय लगा दिया। पुलिस जब तक डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज करती, उससे पहले ही वो देश छोड़ फुर्र हो गया। उस पर भी हैरानी की बात यह है कि जब डॉक्टर के विदेश चले जाने की बात पुलिस से की जाती है तो आगे से अंजान पुलिस का जवाब मिलता है कि वो इस बारे में कुछ नहीं जानते हैं।

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थाना प्रभारी को जमकर पड़ी डांट

एक समय था कि थाने में तैनात एसएचओ तो क्या थानेदार के मुंह से निकली बात भी ब्रह्मवाक्य होती थी। उसके द्वारा की गई कार्रवाई को कोई टाल नहीं सकता था, मगर अब शहर में आए पुलिस कमिश्नर हर किसी की कारगुजारी पर पैनी नजर रख रहे हैं, जिससे आम लोगों का बड़े अधिकारियों पर विश्वास बढ़ा है। हुआ यूं कि चार दिन पहले वूमेन सेल में आए वर-वधु पक्ष की आपस में तीखी नोकझोंक हो गई। थाना डिवीजन आठ पुलिस ने फिरोजपुर के जीरा निवासी वर पक्ष के खिलाफ केस दर्ज कर दिया। इस बात का पता चलते ही वर पक्ष पुलिस कमिश्नर के सामने पेश हो गया। मामला जानने के बाद पुलिस कमिश्नर ने थाना प्रभारी को जमकर फटकार लगाई। मगर बात करने पर थाना प्रभारी ने कहा कि साहब ने उन्हें फोन करके कहा है कि मामले की फिर से जांच की जाए। चेक करें कि  मामला बनता भी है या नहीं। हालांकि सच्चाई इससे उलट है।

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लॉटरी बंद, कटे थानों के बिजली कनेक्शन

सरकारी लॉटरी की आड़ में चल रहे दड़े सट्टे के काम को बंद करके पुलिस कमिश्नर ने थानों की व्यवस्था पर पानी फेर दिया है। इससे पहले पुलिस के साथ सेटिंग करके यह धंधा जोरों से फल फूल रहा था। एक दुकान चलाने के लिए दुकानदार पुलिस को पांच से छह हजार हर महीने दे रहे थे, जिन थानों में 50 या उससे ज्यादा लॉटरी की दुकानें थी, उनकी तो मौजां ही मौजां थी। थानों में होने वाले सभी फुटकर खर्चों की भरपाई उसी से होती थी। थानों को सरकार की ओर से ग्रांट तो आ नहीं रही, जिसके चलते पिछले दिनों कई थानों के बिजली के बिल न जमा होने के कारण कनेक्शन तक कटने की नौबत आ गई थी। अब लॉटरी की दुकानें बंद होने के बाद पुलिस को थानों के खर्च पूरे करने के लिए दूसरे रास्तों पर विचार करना पड़ रहा है।

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