लुधियाना में डेढ़ एकड़ में है तस्कर राणों की करोड़ों की कोठी, फिल्माें की होती थी शूटिंग
कई पंजाबी फिल्मों के सीन और गीत इस कोठी में फिल्माए गए हैं। पता चला है कि इसके एवज में राणों एक दिन के लाखों रुपये वसूलता था। राणों की हर सरकार में चलती थी और इस कारण लोकल थानों में तो उसके नाम की तूती बोलती थी।
खन्ना, (लुधियाना) सचिन आनंद। एसटीएफ द्वारा हेरोइन, नकदी और लग्जरी कारों के साथ पकड़े गए पूर्व अकाली सरपंच गुरदीप सिंह राणों की एशो-आराम वाली जिंदगी इलाके में हमेशा चर्चा का विषय रही है। अपने गांव राणों में बनाई आलीशान कोठी किसी को भी आकर्षित करने के लिए काफी थी। करीब डेढ़ एकड़ में फैली इस कोठी को करोड़ों की लागत से तैयार किया गया था। यह रिजार्ट की तरह बनाई हुई है और इसकी चमक-दमक भी काफी है।
कई पंजाबी फिल्मों के सीन और गीत इस कोठी में फिल्माए गए हैं। पता चला है कि इसके एवज में राणों एक दिन के लाखों रुपये वसूलता था। जानकारों के अनुसार राणों की हर सरकार में चलती थी और इस कारण लोकल थानों में तो उसके नाम की तूती बोलती थी। पहुंच ऊपर तक थी। इस कारण लोकल पुलिस के लिए उस पर हाथ डालना कोई आसान काम नहीं था।
पुलिस और आम लोगों पर अपना प्रभाव डालने के लिए गुरदीप प्रदेश के राजनीतिक नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाकर फेसबुक पर डालता रहता था। राजनीतिक गोटियां फिट करने में वह माहिर था। अफसरों और नेताओं पर प्रभाव जमाने के लिए वह उन पर पानी की तरह पैसा बहाता था।
गाड़ियों के व्यापारी से नशा तस्कर का सफर
गुरदीप के पास आठ एकड़ पैतृक जमीन गांव में है। उसने सबसे पहले कृषि के साथ पुरानी गाड़ियों की खरीद-फरोख्त का काम शुरू किया था। इससे उसका कई बार बड़े अधिकारियों, नेताओं और दूसरे राज्यों के लोगों से भी संपर्क रहता था। इस बीच उसे एक हत्या के मामले में जेल जाना पड़ा। वहां उसकी पहचान बड़े नशा तस्करों और पुलिस अधिकारियों के नजदीकियों से हुई। जेल से छूटने के बाद गुरदीप ने नशा तस्करी के लिए अपना नेटवर्क बनाया। इस मकसद की पूर्ति के लिए उसने राजनीतिक लोगों के साथ नजदीकी बढ़ाई। वह गांव का सर्वसम्मति के साथ सरपंच भी बना और यूथ अकाली दल पायल का प्रधान भी रहा।
शाही ठाठ -बाठ के साथ रहने का शौकीन
एक साधारण किसान परिवार में जन्मे गुरदीप को शाही ठाठ-बाठ के साथ रहने का भी शौक है। पुलिस की तरफ उससे बरामद की गई करोड़ों रुपये की कीमत वाली आठ लग्जरी कारें उसके इस लाइफस्टाइल को दर्शाती हैं। घर से वह पूरे लाव-लश्कर के साथ निकलता था। उसने अकाली दल की सरकार में नेताओं में अपना सिक्का चलाया और अब कांग्रेस के राज में भी गनमैन लेकर घूमता था।