शहर की सुंदरता पर लगा ग्रहण हटेगा, 31 मार्च से हर घर से उठाया जाएगा कूड़ा
नगर निगम 31 मार्च तक पूरे शहर में घर-घर से कूड़ा उठवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। निगम ने इसके लिए शहर से कूड़ा उठाने वाली कंपनी को भी हिदायतें जारी कर दी हैं।
लुधियाना, [राजेश भट्ट]। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन न होने से जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे होते हैं। बाहरी क्षेत्र हों या शहर के अंदरूनी हिस्से। हर जगह सिर्फ कूड़ा-कूड़ा ही नजर आता है, जिससे शहर की सुंदरता पर दाग लगता है, वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण भी फैल रहा है, लेकिन निगम अफसर इसे गंभीरता से नहीं ले रहे थे। अब एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने इस मामले में नगर निगम अफसरों की खिंचाई की तो अफसर हरकत में आ गए और अब निगम ने घर-घर से कूड़ा उठवाने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया। नगर निगम 31 मार्च तक पूरे शहर में घर-घर से कूड़ा उठवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। निगम ने इसके लिए शहर से कूड़ा उठाने वाली कंपनी को भी हिदायतें जारी कर दी हैं।
शहर के कुल 95 वार्डों में से 37 वार्डों में पूरी तरह से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम हो रहा है, जबकि 58 वार्डों में डोर टू डोर कलेक्शन का काम आंशिक तौर पर चल रहा है। इन वार्डों में जो लोग डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कर भी रहे हैं वह लोगों ने अपनी तरफ से रखे हैं। नगर निगम अब डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की पूरी मॉनिटरिंग करेगा। शहर में कूड़ा मैनेजमेंट करने वाली कंपनी एटूजेड के पास भी इतना इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है कि वह पूरे शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट कर सके। इसलिए नगर निगम अब उन कूड़ा कलेक्ट करने वाले लोगों का भी रजिस्ट्रेशन करेगा, जो निजी तौर पर शहर में कूड़ा उठा रहे हैं। उसके बाद अगर शहर में और कूड़ा कलेक्टरों की जरूरत हुई, तो नगर निगम नए लोगों का रजिस्ट्रेशन करवाकर उन्हें रेहड़े दे देगा। तब वह घर-घर से कूड़ा उठा सकेंगे।
एटूजेड वसूलता है 50 रुपये, निजी कर्मी खुद तय करते हैं रेट
शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए एटूजेड कंपनी के 110 छोटा हाथी हैं, जबकि 665 के करीब प्राइवेट कर्मी हैं, जो शहर के अलग-अलग हिस्सों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट करके सेकेंडरी डंपों तक कूड़ा लेकर जा रहे हैं। एटूजेड कंपनी कूड़ा कलेक्शन के लिए 50 रुपये प्रति घर ले रही है, जबकि निजी तौर पर कूड़ा कलेक्ट करने वाले लोग प्रति घर 20 से लेकर 30 रुपये वसूल रहे हैं। नगर निगम अब इन निजी तौर पर कूड़ा कलेक्ट करने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन करके उनके एरिया भी फिक्स कर देगा, ताकि निगम को पता हो कि किस-किस एरिया में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन हो रहा है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में अभी तक डोर टू डोर कलेक्शन के लिए निजी कर्मी नहीं हैं वहां पर भी निगम या तो कंपनी के जरिए कूड़ा कलेक्ट करवाएगा या फिर उन क्षेत्रों में भी निजी कर्मियों को तैनात कर उन्हें लोगों से पैसे लेने को कहेगा।
कूड़ा कलेक्टरों को आइडी कार्ड देगा निगम
शहर में घर-घर से कूड़ा उठवाने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर नगर निगम की है। नगर निगम ने वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एटूजेड कंपनी के साथ करार किया है। ऐसे में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी भी कंपनी की है। कंपनी पूरे शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम नहीं कर पाई तो पहले से शहर में कूड़ा उठाने वालों ने अपना काम जारी रखा। उसके बाद कंपनी ने जब भी किसी वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने की शुरुआत की तो उन्हें अलग-अलग संगठनों का विरोध झेलना पड़ा। अब निगम अफसर भी ऐसा टकराव नहीं चाहते हैं इसलिए निगम ने उन सभी लोगों का रजिस्ट्रेशन करने का फैसला लिया। निगम अब प्राइवेट तौर पर कूड़ा कलेक्ट करने वालों को आइ कार्ड जारी कर उनका एरिया तय करेगा।
नगर निगम खरीदेगा 2500 रेहड़े
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए नगर निगम अब 2500 रेहड़े खरीद रहा है। यह सभी रेहड़े पूरी तरह से कवर होंगे ताकि रास्ते में कूड़ा इधर उधर न गिरे। यही नहीं, इन रेहड़ों को कूड़ा सेग्रीगेशन को ध्यान में रखकर तैयार करवाया जा रहा है, ताकि कूड़ा कलेक्टर गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग करके लेकर आएं। निगम निजी तौर पर काम कर रहे कूड़ा कलेक्टरों को भी यही रेहड़े उपलब्ध करवाएगा। कूड़ा कलेक्टर घरों से कूड़ा एकत्रित करके निगम के सेकेंडरी डंपों तक लेकर आएंगे। शहर में अभी तक 50 के करीब सेकेंडरी डंप हैं।
एक्शन प्लान को निगम हाउस दे चुका है मंजूरी
नगर निगम की तरफ से तैयार किए गए एक्शन प्लान को हेल्थ ब्रांच नगर निगम सदन में पेश कर चुकी है। निगम इस एक्शन प्लान को मंजूरी दे चुका है। अब इसे अप्रूवल के लिए स्थानीय निकाय विभाग के पास भेजा जाएगा।
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए की जा रही तैयारी
नगर निगम के जोनल कमिश्नर कम हेल्थ ब्रांच के इंचार्ज जसदेव सिंह सेखों का कहना है कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए तैयारी की जा रही है। कंपनी के पास भी इतना इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है कि वह पूरे शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कर सके। इसलिए जो कूड़ा कलेक्टर लोगों ने अपने तौर पर रखे हैं, वह ऐसे ही काम करते रहेंगे। उन्हें नगर निगम रजिस्टर्ड करके आइकार्ड जारी करेगा, ताकि निगम के पास पता रहे कि किस-किस एरिया में कूड़ा घर-घर से उठाया जा रहा है, जिन क्षेत्रों में अभी डोर टू डोर नहीं हो रहा है, वहां पर या तो कंपनी करेगी या फिर प्राइवेट कूड़ा कलेक्टर नियुक्त किए जाएंगे। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा।