डर इनके खून में नहीं, मरीजों की सेवा ही पहला धर्म
कोरोना वायरस से फ्रंटलाइन पर डटे सेहत कर्मचारी भी संक्रमित हो रहे हैं।
संसू, लुधियाना : कोरोना वायरस से फ्रंटलाइन पर डटे सेहत कर्मचारी भी संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि ये योद्धा भी सकारात्मक सोच और हौसले के साथ कोरोना को मात देकर फिर से इस महामारी के खिलाफ जंग में शामिल हो रहे हैं। इनमें सीएमसी अस्पताल में तैनात रेजिडेंट डाक्टर विशाल बथेजा भी शामिल हैं।
पटियाला के नाभा शहर के रहने वाले 24 वर्षीय युवा डाक्टर विशाल ने बताया कि वह पिछले दो साल से सीएमसी अस्पताल में बतौर रेजिडेंट डाक्टर तैनात हैं। उनकी ड्यूटी कोविड आइसोलेशन वार्ड में लगाई गई थी। 15 जुलाई को वह मरीजों की सेवा करते हुए संक्रमित हो गए। इसके बाद वह अस्पताल में ही भर्ती हुए। फिर कोरोना को मात देकर वह फिर से मरीजों की सेवा करने में जुट गए। डा. विशाल कहते हैं कि ड्यूटी के दौरान संदिग्ध व पाजिटिव मरीज आते हैं जिनकी देखभाल करना उनका सर्वप्रथम धर्म है। वह हमेशा मरीजों की सेवा करने के लिए तत्पर रहते हैं। आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी करते हुए उन्हें किसी भी प्रकार का डर नहीं लगता, क्योंकि डर उनके खून में नहीं हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि कोरोना वायरस से डरना नहीं चाहिए, बल्कि इसका डटकर मुकाबला करना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति में इसका लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करवानी चाहिए।
आठ माह से संदिग्ध सैंपलों की जांच कर रहे हैं डॉ. गुरविंदर सिंह
कोरोना वायरस को हराने में जहां सारा देश लगा हुआ है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी दिन-रात अस्पतालों में मरीजों की सेवा करने में जुटे हैं। इन्हीं में से एक कोरोना योद्धा डॉक्टर लुधियाना के सिविल अस्पताल में पिछले आठ महीनों से बिना किसी डर के संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वह रोजाना सैकड़ों संदिग्ध मरीजों की जांच करते हैं। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाते हैं। चंडीगढ़ रोड स्थित जमालपुर के डॉक्टर गुरविदर सिंह ने बताया कि दो साल से सिविल अस्पताल में जिला माइक्रो बायोलॉजिस्ट के पद पर तैनात हैं। महामारी के चलते विभाग की तरफ से ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में लगाई गई, जहां प्रतिदिन सैकड़ों मरीज जांच करवाने आते हैं। उन्होंने बताया कि वह ड्यूटी के दौरान पीपीई किट पहनकर रखते हैं और घर जाने से पहले खुद को अच्छे से सैनिटाइजड करते हैं।