Positive India: सिविल अस्पताल में निडर होकर ड्यूटी दे रहीं डॉक्टर संदीप, बोलीं-डर तो हमारे खून में नहीं
कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में जहां लोग भीतर जाने से कतराते हैं वहीं अस्पताल में एडॉक्टर संदीप कुमारी पिछले करीब दो महीनों से निडर होकर ड्यूटी दे रही हैं।
लुधियाना, [अश्वनी पाहवा]। सिविल अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में जहां लोग भीतर जाने से कतराते हैं, वहीं अस्पताल में एक 25 वर्षीय महिला डॉक्टर संदीप कुमारी पिछले करीब दो महीनों से निडर होकर ड्यूटी निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में माता-पिता व छोटा भाई है। उसके पिता आर्मी से रिटायर्ड सूबेदार हैं, माता हाउस वाइफ व छोटा भाई पढ़ाई करता है। वह मूलरूप से गुरदासपुर की हैं।
उन्होंने बताया कि 2019 में उन्हें डॉक्टर की डिग्री मिली थी, जिसके पश्चात वह फरवरी 2020 में सिविल अस्पताल में बतौर हाउस सर्जन तैनात हुए हैं। अस्पताल में तैनाती के बाद ही उनकी कोरोना के मरीजों की जांच करने की ड्यूटी लगाई गई। उन्होंने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में दाखिल होने पर उनके मन में बिल्कुल भी डर नहीं होता, क्योंकि डर उनके खून में ही नहीं है। जैसे उसके पिता जी देश की सेवा करने में जुटे रहे वैसे ही वह भी उनके नक्शे-कदमों पर चलते हुए देश वासियों की सेवा करेगी। उसके माता पिता रोजाना ड्यूटी खत्म होने के बाद उससे फोन कर उसका व अस्पताल में तैनात सभी कर्मचारियों का हालचाल जानते हैं।
डॉक्टर संदीप कुमारी ने देश वासियों से अपील की कि आप सभी लोग घरों में रहकर अपना व अपने परिवार का ध्यान रखें। अगर कोई भी व्यक्ति विदेश यात्रा से लौटा है तो तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में अपनी जांच जरूर करवाएं।
मां के मन में रहता डर, पिता के हौसले से निडर होकर करती हूं ड्यूटी
देश भर में जहां लोग कोरोना वायरस से बचने के लिए घरों में बैठे हैं, वही लुधियाना के सिविल अस्पताल में कोरोना के मरीजों की सेवा करने में सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में एक 22 वर्षीय महिला स्टाफ नर्स नवजोत कौर सिद्धू निडर होकर ड्यूटी कर रही है। महिला स्टाफ नर्स ने बताया कि वह पिछले करीब दो साल से सिविल अस्पताल में कच्चे तौर पर स्टाफ नर्स का काम कर रही है। उसके परिवार में माता-पिता व एक छोटा भाई है।
नवजोत कौर के अनुसार कोरोना के मरीजों की सेवा करने में उसके मन में किसी भी तरह का भय नहीं है। वह ड्यूटी पर मौजूद होने के पश्चात अपना ज्यादा से ज्यादा समय मरीजों की सेवा में लगाना पसंद करती हैं। उसने बताया कि उसके परिवार में उसकी माता के मन में हर वक्त डर सा बना रहता है, परंतु उसके पिता उसे हमेशा घर से निकलते समय निडर होकर ड्यूटी करने की हिदायत देते हैं।
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