युवा डॉक्टर ने 11 दिन में कोरोना को हराया, फिर मरीजों की सेवा में जुटे
कोरोना वायर से डरने की जरूरत नहीं। यदि लक्षण हों तो समय पर टेस्ट करवा इसका इलाज करने पर मात दी जा सकती है।
अशवनी पाहवा, लुधियाना
कोरोना वायर से डरने की जरूरत नहीं। यदि लक्षण हों तो समय पर टेस्ट करवा इसका इलाज करने पर मात दी जा सकती है। ऐसे अनगिनत मरीज हैं जो सकारात्मक सोच और हौसले के साथ कोरोना को मात देकर फिर से कार्य में जुट चुके हैं। ऐसे ही एक कोरोना विजेता डीएमसी अस्पताल में तैनात 26 वर्षीय डॉ. भानु प्रकाश सिंह हैं। वह 11 दिन आइसोलेशन वार्ड में दाखिल रहे और दोबारा से जांच करवाने पर रिपोर्ट नेगेटिव आने के पश्चात फिर से अस्पताल में मरीजों की सेवा में जुट गए।
सलेम टाबरी स्थित न्यू करतार नगर निवासी डॉ. भानु ने बताया कि वह पिछले दो सालों से डीएमसी अस्पताल में बतौर रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर काम कर रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते उनकी ड्यूटी अस्पताल के आइसोलेशन इमरजेंसी में लगाई गई। इस दौरान वह अगस्त में बीमार हो गए। कोरोना टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। फिर उन्होंने खुद को अस्पताल में भर्ती करवाया। 11 दिनों में उन्होंने कोरोना को मात दी। इसके बाद भी उन्होंने खुद को 10 दिन तक घर में क्वारंटाइन रखा। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने दोबारा से जांच करवाई, तो उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। फिर उन्होंने अस्पताल दोबारा ज्वाइन किया और मरीजों की सेवा में जुट गए। अपील: कोरोना का लक्षण दिखें तो नजरअंदाज न करें
डॉक्टर भानु ने लोगों से अपील की कि वह अगर किसी को कोरोना के लक्षण दिखें तो इसे नजरअंदाज न करें। समय पर टेस्ट करवा यदि इसका इलाज शुरू किया जाए तो कोरोना को मात दी जा सकती है। उन्होंने लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने, बिना मास्क के घर से न निकलने, समय-समय पर अपने हाथों को धोते रहने और सैनिटाइज करने तथा फिजिकल डिस्टेंस रखने के लिए प्रेरित किया।