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पावन स्वरूप देने से इन्कार, समझौते के दौरान पुलिस के सामने ही उलझे

घर में बेटे की शादी से एक दिन पहले सुखमणि साहिब का पाठ करवाने के लिए गुरुद्वारा साहिब की ओर से पावन स्वरूप नहीं देने पर विवाद हो गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 08:05 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 08:05 AM (IST)
पावन स्वरूप देने से इन्कार, समझौते के दौरान पुलिस के सामने ही उलझे
पावन स्वरूप देने से इन्कार, समझौते के दौरान पुलिस के सामने ही उलझे

संस, जगराओं : घर में बेटे की शादी से एक दिन पहले सुखमणि साहिब का पाठ करवाने के लिए गुरुद्वारा साहिब की ओर से पावन स्वरूप नहीं देने पर विवाद हो गया। दोनों पक्षों ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई। समझौते की बात आई तो दोनों पक्ष गुरुद्वारा साहिब में एकत्र हुए। पुलिस भी वहां पहुंची। इसके बावजूद दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए और वहां पुलिस के सामने ही भिड़ गए।

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विवाद 14 जनवरी से शुरू हुआ। जोरा सिंह ने बताया कि उसके बेटे अवतार सिंह की 15 जनवरी को शादी थी। उन्होंने घर में सुखमणि साहिब का पाठ करवाने व श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश करवाने के लिए गुरुद्वारा गुरु रविदास भगत रायकोट रोड के ग्रंथी सिंह दर्शन सिंह से बात की। उन्होंने पावन स्वरुप देने से इन्कार करते कहा कि आप तो घर में पीर की चौंकी लगाते हैं। इसलिए मुझे गुरुद्वारा कमेटी से बात करनी होगी। जोरा ने आगे आरोप लगाया कि 15 जनवरी को जब बारात जानी थी तो सभी गुरुद्वारा साहिब के बाहर एक घंटा खडे़ रहे लेकिन गुरुद्वारे के गेट का ताला नहीं खोला गया।

दूसरी तरफ गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी दर्शन सिंह और कमेटी प्रधान सुखविंदर सिंह ने जोरा सिंह के लगाए आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि जोरा सिंह अपने घर में पीर की चौंकी लगाता है। अकाल तख्त साहिब के हुकमनामे के अनुसार जहां चौंकी लगाई जाती हो, वहां गुरु साहिब का प्रकाश नहीं किया जाता। इसलिए उसे गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से बात करने के बाद स्वरूप देने को कहा था लेकिन उसके बाद वे लोग आए ही नहीं। वहीं जहां गुरुद्वारे के गेट को ताला लगाने की बात है तो रोजाना सुबह पाठ करने के बाद एहितायात के तौर पर ऐसा किया जाता है क्योंकि पिछले समय दौरान बेअदबी की घटनाएं हुई हैं। इसलिए चौकसी बरती जाती है। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारे के गेट की चाबी वहीं पास के करियाना की दुकान पर रखी है। गुरुद्वारे के बाहर प्रधान और ग्रंथी सिंह के फोन नंबर लिखे हुए है। जिसे जरूरत होती है वह फोन कर लेते है। प्रधान ने आरोप लगाया कि जोरा सिंह ने बेटे की शादी के बाद इसी रंजिश में ग्रंथी दर्शन सिंह को घेर कर गाली-गलोज किया तो उसकी शिकायत पुलिस को दी गई थी। स्थिति बिगड़ती देख पहुंचे एसएचओ, आज दोनों पक्षों को थाने बुलाया

रविवार को सुबह एएसआइ सुखदेव सिंह और एएसआइ बलजिंदर कुमार पुलिस पार्टी सहित मौके पर पहुंचे थे। फिर दोनों पक्ष पुलिस के सामने गुरुद्वारे में समझौते के लिए शाम 4 बजे एकत्र हुए। पर इस दौरान बहस कतरते हुए वे पुलिस की मौजूदगी में ही भि़ड़ गए और हाथापाई करने लगे। माहौल बिगड़ता देख थाना सिटी के प्रभारी हरजिंदर सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। एसएचओ हरजिंदर ने कहा कि बात किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। इसलिए दोनों पक्षों को सोमवार को अब थाने में बुलाया है। उसके बाद ही अगली कार्रवाई होगी।


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