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ग्रामीणों ने बंधक बनाया था गोवंश, मुक्त करवाने पहुंचे एनिमल लवर्स से हुई तकरार

गांव मानकवाल में गोवंश को बंधक बनाए जाने की सूचना पर एनिमल लवर्स वहां पहुंच गए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 06:30 AM (IST)
ग्रामीणों ने बंधक बनाया था गोवंश, मुक्त करवाने पहुंचे एनिमल लवर्स से हुई तकरार
ग्रामीणों ने बंधक बनाया था गोवंश, मुक्त करवाने पहुंचे एनिमल लवर्स से हुई तकरार

राजेश शर्मा, लुधियाना

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गांव मानकवाल में ग्रामीणों द्वारा गोवंश को बंधक बनाए जाने की सूचना मिलते ही एनिमल लवर्स ग्रुप के सुनील कुमार, सिमरन साथियों सहित पहुंच गए। वहां 26 गोवंश बाड़े में कैद कर रखे गए थे। ग्रामीणों का तर्क था कि बेसहारा पशु उनकी फसल को नुकसान पहुंचाते हैं इसके चलते इन्हें एक जगह रखा गया है, जबकि एनिमल लवर्स ने इनको भूखे प्यासे रखने का आरोप लगाते हुए पुलिस बुलवा ली।

तकरार बढ़ी तो जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार करन गुप्ता को मौके पर भेजा गया। इस दौरान श्री गोविद गोधाम के पदाधिकारी सुंदरदास धमीजा से गोवंश को रखने की बात की गई पर उन्होंने स्पष्ट तौर पर इन्हें रखने से इन्कार कर दिया। ग्रामीण इन्हें गांव में छोड़ने के लिए राजी नहीं थे तो एनिमल लवर्स हर हाल में इन बंधक गोवंश को आजाद करवाए बिना वहां से न जाने पर अड़ गए। तकरार बढ़ी तो तहसीलदार करन गर्ग ने उच्चाधिकारियों से बात करके गोवंश को माछीवाड़ा के गांव प्वात में बनी सरकारी गोशाला में भेजने का प्रबंध किया तब जा कर मसला हल हुआ।

दस लाख रुपये प्रति महीना सरकार से लेते हो तो गोवंश को भी संभालो

एनिमल लवर्स ग्रुप की सिमरन ने मानकवाल गांव से ही श्री गोविद गोधाम के चेयरमैन सुंदरदास धमीजा को फोन पर गोवंश की जानकारी देते हुए इन्हें वहां रखने का अनुरोध किया तो धमीजा ने साफ मना कर दिया। इस पर सिमरन ने भी कह दिया कि सरकार गोशाला को दस लाख रुपये प्रति महीना दे रही है तो आप इस गोवंश की संभाल भी करो। इस पर दोनो में तकरार भी हुई। धमीजा ने जगह कम होने का हवाला दिया तो सिमरन ने कहा कि दान से बने इस स्थल पर गोवंश को रखने के लिए वह मना नहीं कर सकते। हम दूध नहीं बेचते इसलिए हमें अधिक फंड की जरूरत है: धमीजा

यह ठीक है कि केवल श्री गोविद गोधाम को ही सरकार द्वारा दस लाख रुपये की सहायता मिलती है। गोशाला में दो हजार गोवंश का पालन-पोषण करना ही मुश्किल हो रहा है। हम दूध भी नहीं बेचते। ऐसे में हमारी कैपेसिटी ही नहीं है कि हम और गोवंश को संभाल सकें।

सुंदरदास धमीजा, चेयरमैन श्री गोविद गोधाम नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए इन्हें एक जगह रखा था

फसलों को नुकसान पहुंचा रहे पशुओं को हमने एक जगह इकट्ठा करके रखा था। किसी ने अफवाह फैला दी कि इन्हें बंधक बनाया गया है। पुलिस व तहसीलदार को हमने सब बता दिया। देर शाम इनको जिला प्रशासन ने माछीवाड़ा की सरकारी गोशाला में भेज दिया है।

टहल सिंह, सरपंच, गांव मानकवाल


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