कारोबार के साथ भविष्य के लिए भी हैं सचेत
गुलाब डाइंग के डायरेक्टर राहुल वर्मा ने बिजनेस में भी जल सरंक्षण को अहम माना है।
राजीव शर्मा, लुधियाना
गुलाब डाइंग एवं रिद्धी प्रोसेसर्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन राज कुमार वर्मा के बेटे एवं डायरेक्टर राहुल वर्मा ने बिजनेस में भी जल संरक्षण को अहम माना है। विश्व स्तरीय अतिआधुनिक तकनीक को अपनाकर राहुल ने अपने यूनिट में अब तक 25 फीसद तक पानी की बचत की है। उनका मकसद आने वाले समय में इतनी ही बचत और करना है। इसे लेकर लगातार होम वर्क किया जा रहा है। यानि कि वह कारोबार के साथ-साथ भविष्य के लिए भी सचेत हैं। राहुल मानते हैं कि जल ही जीवन है। वक्त के साथ जल का संकट बढ़ रहा है। ऐसे में सभी की जिम्मेदारी है कि पानी बचाने के लिए अपना योगदान करें।
राहुल की स्कूलिग सराभा नगर स्थित न्यू सीनियर सेकेंडरी स्कूल एवं बीआरएस नगर स्थित डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई। उच्च शिक्षा उन्होंने आर्य कॉलेज से हासिल की। राहुल ने वर्ष 1996 में पारिवारिक बिजनेस ज्वाइन किया। उनके परिवार ने वर्ष 1940 में बनियान बनाने का यूनिट शुरू किया था। इसके बाद वर्ष 1950 में गुलाब डाइंग की स्थापना की।
राहुल का कहना है कि जब उन्होंने बिजनेस ज्वाइन किया तो कंपनी घरेलू बायर्स के लिए ही डाइंग का काम करती थी। फिर बाजार को स्टडी किया और कंपनी को हाईटेक बनाने की ठानी। इसके बाद ताइवान, इटली एवं तुर्की से आधुनिक मशीनरी का आयात किया गया। साथ ही निर्यातकों के विश्व स्तरीय मानकों के अनुसार डाइंग करना शुरू किया।
वर्ष 2004 में राहुल ने अल्ट्रा मॉडर्न तकनीक से सुसज्जित रिद्धी प्रोसेसर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत की। इसके तहत फिनिशिग पर फोकस किया गया और मॉडर्न फिनिशिग की तकनीक को अपनाया। नतीजतन अब कंपनी मल्टी नेशनल ब्रांड रीबॉक, एडिडॉस, रिलायंस, लॉयरा, प्यूमा, बेनेटन, ऐलन-शोली समेत कई ब्रांड के गारमेंट्स की डाइंग कर रही है। निर्यातकों के साथ भी कारोबार किया जा रहा है। पिता को मानते हैं अपना बिजनेस गुरु
राहुल का कहना है कि बिजनेस में कामयाबी के लिए हर पल पिता का मार्गदर्शन मिला है। वह ही उनके बिजनेस गुरु हैं। इसके अलावा पूरे स्टाफ को अपने परिवार की तरह समझा। उनके दुख-सुख में हमेशा सहयोग किया। इसके अलावा क्वालिटी, इनोवेशन और ग्राहक सेवा को सर्वोपरि समझा। राहुल का कहना है कि आने वाले वक्त में भी पानी बचाने की तकनीक पर काम किया जा रहा है। उम्मीद है कि डाइंग में और 25 फीसद तक की पानी की बचत की जा सकती है। समय निकालकर शौक करते हैं पूरे
राहुल को फिल्में देखने, संगीत सुनने एवं ट्रैवलिग का शौक है। कारोबारी व्यस्तता से समय निकालकर वह अपने शौक पूरे करते हैं। साथ ही वे लोगों में ट्रैफिक को लेकर जागरूकता भी पैदा कर रहे हैं। वे कई स्वयंसेवी संगठनों के साथ भी जुड़े हैं और सामाजिक कार्यो में भी अग्रणी रहते हैं।