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सड़कों से जल्द हटाए जाएं डीजल से चलने वाले ऑटो, पुलिस लाएगी पॉलिसी

फिलहाल अभी उन्हीं ऑटो को जब्त किया जा रहा है जिनके कागजात नहीं हैं या फिर दूसरे शहरों से रजिस्टर्ड हैं। इन्हें बंद करने में पुलिस को काफी समय लगेगा।

By Sat PaulEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 10:43 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 03:05 PM (IST)
सड़कों से जल्द हटाए जाएं डीजल से चलने वाले ऑटो, पुलिस लाएगी पॉलिसी
सड़कों से जल्द हटाए जाएं डीजल से चलने वाले ऑटो, पुलिस लाएगी पॉलिसी

लुधियाना, [दिलबाग दानिश]। पुलिस जल्द ही एक पॉलिसी लेकर आ रही है, जिसके तहत शहर की सड़कों से सभी 20 हजार डीजल ऑटो को हटा दिया जाएगा। इस संबंध में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 2009 में आदेश भी जारी किया था। पुलिस ने अभियान भी छेड़ दिया है।

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फिलहाल अभी उन्हीं ऑटो को जब्त किया जा रहा है, जिनके कागजात नहीं हैं या फिर दूसरे शहरों से रजिस्टर्ड हैं। इन्हें बंद करने में पुलिस को काफी समय लगेगा। क्योंकि एक साथ इतने ऑटो जब्त करने के लिए पुलिस के पास जगह भी नहीं है और लोग भी एक साथ बेरोजगार हो जाएंगे। इसलिए पुलिस चाहती है कि चालक कार्रवाई शुरू होने पर खुद ही अपने ऑटो बेचकर सीएनजी या ई रिक्शा ऑटो ले लें। एसीपी गुरदेव सिंह के अनुसार यह अभियान अब लगातार चलेगा।

शहर में नहीं हो रहे ऑटो रजिस्टर्ड

हाईकोर्ट के आदेशों के बाद डीजल ऑटो रजिस्टर्ड ही नहीं हो रहे हैं। इसलिए यह शहर में चलने के लिए वैध नहीं हैं। पुलिस इसी को आधार बनाकर इन्हें बंद करने में जुट गई है।

कम हुआ डीजल ऑटो का चलन

पुलिस के अभियान के बाद से अचानक कई डीजल ऑटो शहर से गायब हो गए हैं। शनिवार को सड़कों पर ऑटो की संख्या पहले से आधी दिखी। सीएनजी ऑटो अधिक संख्या में दिखे।

प्रदूषण फैलाते हैं डीजल ऑटो

शहर में हवा में फैल रहा प्रदूषण का 60 फीसद हिस्सा वाहनों से निकलने वाले धुएं से होता है और इसमें ज्यादातर असर ऑटो का है। अगर सभी डीजल ऑटो बंद कर दिए जाते हैं तो इससे करीबन 40 फीसद तक प्रदूषण में कमी आ सकती है।

वायु को ज्यादा प्रदूषित करते हैं डीजल वाले ऑटो

डीजल से चलने वाले ऑटो हवा में नाइट्रोजन ऑक्साइड व सल्फर ऑक्साइड का उत्सर्जन कर वायु प्रदूषण में और ज्यादा इजाफा करते हैं, जिससे वातावरण में और अधिक हानिकारक कण तैरने लगते हैं। माहिरों के अनुसार डीजल वाहनों से निकला धुआं मानव शरीर के लिए हानिकारक है। इसका एक प्रमुख कारण है नाइट्रोजन ऑक्साइड व हवा में अधजले कणों का फैल जाना। लगभग 80-95 प्रतिशत डीजल के धुएं में जो बारीक कण मिले होते हैं, वह आकार में 0.1 माइक्रॉन से भी छोटे होते हैं और फेफड़ों में समा सकते हैं। यह कण सांस के माध्यम से अंदर जाकर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं और फेफड़ों की बीमारियां पैदा करते हैं।

शहर में रजिस्टर्ड नहीं होते डीजल ऑटो: आरटीए

रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी दमनजीत सिंह मान के अनुसार शहर में इस समय डीजल ऑटो रजिस्टर्ड नहीं हो रहे हैं। आदेशों के बाद इसे बंद कर दिया गया था। आरटीए कार्यालय में सीएनजी ऑटो ही रजिस्टर्ड होते हैं। इससे साफ है कि जब शहर के आरटीए कार्यालय में डीजल ऑटो रजिस्टर्ड ही नहीं हो रहे हैं तो वह सभी अनाधिकृत हैं और पुलिस को इन्हें बंद करना होगा।

पहले पड़ाव में बिना कागजात वाले ऑटो हो रहे बंद: एसीपी

एसीपी ट्रैफिक लुधियाना गुरदेव सिंह का कहना है कि हमने पहले पड़ाव में उन ऑटो को बंद करना शुरू किया है, जिनके चालकों के पास कागजात नहीं है। शहर में वह ऑटो भी नहीं चल सकते हैं जो दूसरी तहसीलों से रजिस्टर्ड हैं। हमने इसके खिलाफ अभियान चलाया है और यह लगातार जारी रहेगा। 2009 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी आदेश दिया था कि लुधियाना, अमृतसर और जालंधर में डीजल ऑटो नहीं चलेंगे। इसलिए इस पर कार्रवाई हो रही है।

अभी अभियान शुरू होगा

पुलिस कमिश्नर लुधियाना राकेश अग्रवाल का कहना है कि हमने अभी बिना रजिस्ट्रेशन वाले ऑटो को बंद करना शुरू किया है। आने वाले समय एक पॉलिसी लाई जाएगी, जिसके तहत सभी डीजल ऑटो को बंद कर दिया जाएगा। अभी हम उन ऑटो चालकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, जिनके पास कागजात नहीं हैं। भले विरोध हो रहा है, मगर इस पर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। 

शहर को स्मार्ट बनाना है तो ई-रिक्शा का प्रसार जरूरी

स्मार्ट सिटी लिमिटेड के डायरेक्टर संजय गोयल का कहना है कि अगर शहर को स्मार्ट बनाना है तो पहले प्रदूषण मुक्त बनाना होगा। इसके लिए ई-रिक्शा का प्रसार होना बेहद जरूरी है, ताकि शहर में प्रदूषण कम से कम हो। ई-रिक्शा को शहर में प्रसारित करने का प्रोजेक्ट भी स्मार्ट सिटी में शामिल है।

बीस हजार ऑटो से लाखों लोगों का चल रहा घर

ऑटो यूनियन संघर्ष कमेटी के प्रधान तरसेम जोधा का कहना है कि शहर में 20 हजार डीजल ऑटो हैं। अगर पुलिस इन्हें बंद करवाने निकलेगी तो इससे लाखों लोग परेशान होंगे। 20 हजार ऑटो से कई हजार परिवारों का पेट पलता है। वह सीएनजी या ई-रिक्शा भी इतनी जल्दी नहीं ले सकते हैं। पुलिस को एक पॉलिसी के तहत इन्हें बंद करना चाहिए। बिना कागजात के बंद होने वाले ऑटो का विरोध नहीं किया जाएगा। 

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