जिसके जीवन में गुरु नहीं, उसका जीवन शुरु ही नहीं: नित्यानंद सूरि
गुरु से बड़ा कोई नहीं है जिसके जीवन में गुरु नहीं उसका जीवन शुरू ही नहीं गुरु के बिना ज्ञान नहीं।
संस, लुधियाना : गुरु से बड़ा कोई नहीं है, जिसके जीवन में गुरु नहीं, उसका जीवन शुरू ही नहीं, गुरु के बिना ज्ञान नहीं। गुरु हमें सभी प्रकार की आपदाओं से बचाते हैं।
जग रुठे तो ठीक है, गुरु रुठे तो नहीं डोर। किसी भक्त के मुख से गुरु का नाम निकले तो कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन अगर गुरु के मुख से किसी भक्त का नाम निकले तो भक्त के लिए इससे बड़ी कोई उपलब्धि नहीं। यह बात वर्तमान गच्छाधिपति जैनाचार्य श्रीमद विजय नित्यानंद सूरीश्वर म. ने संक्रांति उत्सव के दौरान कही।
इस दौरान लुधियाना जैन संक्रांति मंडल के फाउंडर व श्री आत्मानंद जैन महासमिति मीडिया प्रभारी प्रवीण जैन दुग्गड़, मंडल प्रधान राज कुमार स्वास्तिक, जोगिदर जैन रिशव पैकर ने कहा कि जैनाचार्य नित्यानंद म. के सान्निध्य में संक्रांति उत्सव व गुरु पूर्णिमा का महोत्सव मनाया गया। इस दौरान प्रवीण जैन दुग्गड़ व भारत मेहता ने भजन गा श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश कर दिया। मुनि मोक्षानंद विजय ने कहा कि गुरु भूमि पंजाब के शिरोमणि जैन संघ लुधियाना में गत वर्ष एतिहासिक चातुर्मास करके गच्छाधिपति मुंबई नगरी पधारे है। 20 जुलाई से 29 दिवसीय श्री शत्रुंजय महातप की सामूहिक आराधना शुरू होगी। चातुर्मास के बाद करवाई जाएगी यात्रा
चातुर्मास के बाद तपाराधकों को श्री शत्रुंजय महातीर्थ की यात्रा कराई जाएगी। परमात्मा ने साधु को सतत विचरण करते रहने का उपदेश दिया है, ताकि उसका जीवन अत्यधिक लोक संसर्ग के कारण दुर्गुण आदि से दूषित न बनें, परंतु वर्षा के चार महीने तक एक ही स्थान पर रहकर आत्मा साधना करने का निर्देश किया है। इस अवसर पर योगेश जैन, रिपन जैन, राजेश जैन मिटू, रमेश जैन सैलो, तरसेम लाल जैन, पुनीत जैन, वरिदर जैन, विनोद जैन, वंश जैन, मुकेश जैन, नीरज जैन, अनिल जैन, आदि शामिल थे।