Move to Jagran APP

Akshaya Tritiya 2021 : लुधियाना में अक्षय तृतीया पर मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, काली माता की पूजा की

लुधियाना में अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर महानगर के विभिन्न मंदिरों में पूजा करने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। श्रद्धालु शारीरिक दूरी बनाकर पंक्ति में खड़े होकर पूजा अर्चना करने मंदिर में पहुंचे और पूजा अर्चना करने के बाद तुरंत बाहर निकल गए।

By Vinay KumarEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 12:21 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 12:21 PM (IST)
Akshaya Tritiya 2021 : लुधियाना में अक्षय तृतीया पर मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, काली माता की पूजा की
लुधियाना में अक्षय तृतीया पर काली माता मंदिर में पूजा करते हुए श्रद्धालु।

लुधियाना, जेएनएन। सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का बड़ा महत्व है। अक्षय तृतीया के दिन कोई भी शुभ काम करने से सफलता मिलती है। शुक्रवार को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर महानगर के विभिन्न मंदिरों में पूजा करने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। शिवपुरी स्थित मां काली माता मंदिर, टूटिया वाला मंदिर, संगला वाला शिवाला, जगराओं पुल दुर्गा माता मंदिर मॉडल टाउन, कृष्णा मंदिर सराभा नगर, दुर्गा माता मंदिर बीआरएस नगर, दुर्गा माता मंदिर उपकार नगर, दशहरा ग्राउंड दुर्गा माता मंदिर, बिंद्रा कॉलोनी मां काली माता मंदिर आदि में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। हालांकि श्रद्धालु शारीरिक दूरी बनाकर पंक्ति में खड़े होकर पूजा अर्चना करने मंदिर में पहुंचे और पूजा अर्चना करने के बाद तुरंत बाहर निकल गए।

loksabha election banner

शिवपुरी स्थित मां काली माता मंदिर में पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओं को बताते हुए पंडित कृष्ण कुमार शास्त्री ने कहा कि अक्षय तृतीया के दिन कोई भी कार्य करने से अति शुभ होता है और पूर्ण रूप से सफल होता है। उन्होंने कहा कि आज के दिन में लोग शादी समारोह, उपनयन गृह प्रवेश व यहां तक की जो श्रद्धालु दुख में है वह भी मंदिर में आकर मां काली से अर्चना लगाए तो स्वस्थ और निरोग हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का बड़ा महत्व है और इसे जगह जगह विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है।

वहीं आज के दिन ही भगवान परशुराम का अवतार हुआ था। भगवान श्री विष्णु अवतार के रूप में भगवान परशुराम अस्पष्ट और श्रद्धालुओं को सीधे वरदान देने में सबसे आगे रहे हैं। भगवान परशुराम, भगवान राम और लखन को भी मनवांछित फल दिए और माता सीता के साथ उनका विवाह करवाया। इस तरह भगवान परशुराम जयंती पर भी श्रद्धालुओं ने भावनगर में विभिन्न जगहों पर पूजा अर्चना की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.