Move to Jagran APP

सड़कों पर मौत बन दौड़ रहे बिना रिफलेक्टर लगे वाहन, कई लोगों की गई जान; ट्रैफिक पुलिस अनजान

हम अकसर देखते हैं कि सड़कों पर कई वाहनों के पीछे रिफ्लेक्टर नहीं लगे होते हैं। इसी वजह से पीछे आ रहे वाहन चालकों को धुंध में आगे जा रहे वाहन नजर नहीं आते।

By Vikas KumarEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 12:09 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 03:11 PM (IST)
सड़कों पर मौत बन दौड़ रहे बिना रिफलेक्टर लगे वाहन, कई लोगों की गई जान; ट्रैफिक पुलिस अनजान
सड़कों पर मौत बन दौड़ रहे बिना रिफलेक्टर लगे वाहन, कई लोगों की गई जान; ट्रैफिक पुलिस अनजान

लुधियाना, जेएनएन। सर्दी का मौसम आ चुका है। कोहरा भी होने लगा है। फिर धुंध भी शुरू हो जाएगी। कम विजिबिलिटी के कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार भी थम जाएगी। धुंध में अकसर हादसे बढ़ जाते हैं। इसका कारण यातायात नियमों का पालन न करना होता है। हम अकसर देखते हैं कि सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों के पीछे न तो रिफ्लेक्टर लगे होते हैं और न ही पीछे वाली लाइटें जल रही होती हैं। इसी वजह से पीछे आ रहे वाहन चालकों को धुंध में आगे जा रहे वाहन नजर नहीं आते और वे हादसे का शिकार हो जाते हैं।

loksabha election banner

ट्रैफिक पुलिस नहीं देती ध्यान

महानगर में भी ऐसे सैकड़ों वाहन मिल जाएंंगे जिनके पीछे रिफ्लेक्टर नहीं लगे हैं। ट्रैफिक पुलिस चौराहों, पुल या फिर सड़क पर खड़े होकर वाहन चालकों का चालान करती है, पर उनके सामने ही ऐसी कई बसें, ऑटो ट्रैक्टर-ट्रालियां और ट्रक गुजरते हैं जिनके पीछे न तो रिफ्लेक्टर लगे होते हैं और न ही लाइटें जल रही होती हैं। वह इन सब चीजों को देखते हुए भी अनजान बनती है और कार्रवाई नहीं करती। शायद यही वजह है कि अकसर धुंध में या फिर रात को हादसे बढ़ जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस की इस लापरवाही की वजह से ही हर साल वर्ष हादसे हो रहे हैं और कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। फिर भी पुलिस ने अभी कोई विशेष अभियान नहीं चलाया है। बस रूटीन के तहत वह चालान करती रहती है।

फिरोजपुर रोड पर जा रही बस जिसके पीछे रिफ्लेक्टर नहीं लगा है। यही स्थिति कई अन्य बसों की भी है। 

महानगर में इन सड़कों पर दिख जाएंगे ऐसे वाहन

शहर के जालंधर रोड, चंडीगड़ रोड, गिल रोड, फिरोजपुर रोड, राहों रोड, दिल्ली-अंबाला रोड, आरके रोड, ट्रांसपोर्ट नगर की कई सड़कें ऐसी हैं जहां पर बिना रिफ्लेक्टर लगे वाहन दौड़ते साफ देखे जा सकते हैं। लगभग इन सभी रोड पर ट्रैफिक पुलिस के नाके लगे रहते हैं। पुलिस मुलाजिम बस रॉन्ग साइड वाहन चलाने, सीट बेल्ट नहीं लगाने, हेल्मेट नहीं पहननेया फिर ओवरस्पीड के चालान काटकर अपना खजाना भर रही है, जबकि रिफ्लेक्टर नहीं लगा होने से हुए हादसे के बाद दर्ज होने वाली एफआइआर में इसका जिक्र किया जाता है।

तीन साल में 660 मामले दर्ज हुए, 20 फीसद में रिफ्लेक्टर नहीं लगा होना कारण

कमिश्नरेट एरिया में 2016, 2017 और 2018 में सड़क हादसे होने के 660 मामले दर्ज हुए। इनमें 977 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इन हादसों में बीस फीसद मामले ऐसे हैं जिनमें वाहन पर रिफ्लेक्टर नहीं लगे थे। रोड सेफ्टी कौंसिल के अध्ययन में हादसे होने के कई कारण सामने आए हैं, मगर उनमें एक कारण वाहनों पर रिफ्लेक्टर नहीं लगा होना भी है। वाहन बनाने वाली कंपनियां वाहन के पीछे रिफ्लेक्टर लाइट या फिर साइड लाइट के शीशे को रिफ्लेक्शन देती हैं। उस पर जरा सी रोशनी पडऩे पर वह चमकने लगती हैं, मगर देखने में आया है कि गाड़ी पुरानी होने पर जैसे ही यह लाइट या शीशा टूटता है तो उसे दोबारा से लगवाया नहीं जाता है।

जालंधर रोड पर जा रहा ऑटो जिस पर न तो रिफ्लेक्टर लगा है और न ही डिप्पर लाइट है।

विशेष अभियान चलाएंगे, लगवाए जाएंगे रिफ्लेक्टर

पुलिस नाके पर रुकने वाली गाड़ी को चेक करती है, अगर उस पर रिफ्लेक्टर नहीं लगा हो तो उसका चालान किया जाता है या फिर उन्हें रिफ्लेक्टर लगाने की हिदायत दी जाती है। धुंध शुरू होने लगी है तो हम विशेष अभियान चलाकर वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप लगाएंगे। इसके लिए समाज सेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।

-राजन शर्मा, एसीपी ट्रैफिक

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.