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लोकसभा चुनाव पर डेरा सच्चा सौदा का नया पैंतरा, दलों के समर्थन के लिए बनाई नई रणनीति

डेरा सच्चा सौदा ने लाेकसभा चुनाव में किसी एक राजनीतिक दल को समर्थन संबंधी लिए जाने वाले फैसले पर अपनी रणनीति बदल दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 06:48 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 08:59 PM (IST)
लोकसभा चुनाव पर डेरा सच्चा सौदा का नया पैंतरा, दलों के समर्थन के लिए बनाई नई रणनीति
लोकसभा चुनाव पर डेरा सच्चा सौदा का नया पैंतरा, दलों के समर्थन के लिए बनाई नई रणनीति

लुधियाना [दिलबाग दानिश]। डेरा सच्चा सौदा ने लाेकसभा चुनाव में किसी एक राजनीतिक दल को समर्थन संबंधी लिए जाने वाले फैसले पर अपनी रणनीति बदल दी है। डेरा सच्चा सौदा खुलेआम उम्मीदवार या किसी पार्टी का समर्थन का फैसला नहीं करेगा, बल्कि इसके लिए उनकी ओर से अब प्रबंधकों से बैठकें की जाएंगी। पहले यह फैसला खुलेआम नामचर्चा के दौरान प्रेमियों से बातचीत करने के बाद लिया जाना था।

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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की जमानत याचिका रद होने और प्रेमियों के एक तबके द्वारा राजनीति का विरोध करने के बाद इसमें तबदीली की गई है। डेरेे  के राजनीतिक विंग के सदस्यों को दावा है कि वह चुनाव से पहले एकमत होकर इस पर फैसला जरूर कर लेंगे।

बता दें कि डेरा सच्चा सौदा की ओर से तय की गई रणनीति के अनुसार पहले पूरे प्रदेश में जिलास्तर की नामचर्चा करने की रणनीति बनाई गई थी। इसके लिए पूरे प्रदेश में नामचर्चा की गई थी, जिसमें अनुमान से ज्यादा डेरा प्रेमी एकत्र हुए थे। हर बैठक में डेरेे के राजनीतिक विंग और 45 सदस्यीय कमेटी के सदस्यों ने हिस्सा लिया था।

इस दौरान राजनीति से संबंधित कोई भी बात नहीं की गई थी, बल्कि डेरा प्रेमियों को एकजुट होने को कहा था। इसके बाद डेरा सच्चा सौदा के लोकल स्तर के प्रबंधकों की ओर से प्रेमियों के घरों में जाकर उनकी नब्ज टटोली थी, मगर ज्यादा डेरा प्रेमियों से नाकारात्मक मिला। शायद इसीलिए डेरा सच्चा सौदा की राजनीतिक विंग ने अपनी रणनीति बदली है। डेरा के एक पदाधिकारी के अनुसार अगले रविवार के बाद से यह बैठकें होंंगी। इसमें प्रेमियों के फीडबैक के आधार पर फैसला लिया जाएगा। पहले मई के पहले सप्ताह में डेरा सच्चा सौदा की नामचर्चा होनी थी, मगर इसे रद कर दिया गया है।

डेरा सच्चा सौदा का पंजाब के मालवा में बड़ा आधार

बता दें कि डेरा सच्चा सौदा का पंजाब के मालवा में बड़ा आधार है। यहां पर वह निर्णायक भूमिका में रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा इससे पहले के चुनाव में सीधे तौर पर अपना प्रभाव दिखाता रहा है। मगर गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद डेरे के श्रद्धालु काफी हद तक टूट गए थे। डेरेे के सामने सबसे पहले इन्हें एकजुट करने की चुनौती थी, जिसे तो पूरा कर लिया है मगर राजनीति में फिर से सक्रिय हो पाना टेड़ी खीर लग रहा है।

डेरा सच्चा सौदा के राजनीतिक विंग के राष्ट्रीय सदस्य राम सिंह चेयरमैन का कहना है कि विंग लगातार प्रेमियों के संपर्क में है। हम बेहद सटीक रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। चुनाव से पहले पहले इस पर फैसला ले लिया जाएगा कि समर्थन देना है या नहीं, देना है तो किसे दिया जाना है।

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