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Dengue Cases in Ludhiana: भीषण गर्मी में डेंगू पसारने लगा पैर, नगर निगम ने नहीं शुरू की फागिंग

Dengue Cases in Ludhiana शहर में डेंगू का खतरा एक बार फिर बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी डोर टू डोर सर्वे में जुटी हुई हैं। इसमें टीमों को लगातार डेंगू का लारवा मिल रहा है

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 08:52 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 08:52 AM (IST)
Dengue Cases in Ludhiana: भीषण गर्मी में डेंगू पसारने लगा पैर, नगर निगम ने नहीं शुरू की फागिंग
Dengue Cases in Ludhiana: लुधियाना में डेंगू का खतरा बढ़ा। (सांकेतिक तस्वीर)

वरिंदर राणा, लुधियाना। Dengue Cases in Ludhiana: मानसून शुरू होने से पहले डेंगू ने महानगर में दस्तक दे दी है। अभी तक जिले में डेंगू के 3 केस मिल चुके है। इसके बावजूद नगर निगम की तरफ से फागिंग शुरू नहीं की गई है। इस पूरे मामले में निगम और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों में आपसी तालमेल की कमी साफ दिखाई दे रही है।

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एक तरफ जहां निगम अफसर कह रहे हैं कि उन्हें फागिंग के लिए विभाग से आदेश नहीं मिले हैं, वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि अगर डेंगू का लारवा मिल रहा है तो निगम अफसर को खुद ही फागिंग शुरू कर देनी चाहिए। इन सबके बीच सेहत विभाग और निगम की ज्वाइंट टीमें लगातार डोर टू डोर सर्वे कर रही हैं, जिसमें लगातार डेंगू का लारवा बरामद हो रहा है।

नगर निगम के हेल्थ ब्रांच के नोडल अफसर विपुल मल्होत्र बताते हैं कि उन्होंने शहर में फागिंग के लिए 50 लाख रुपये की दवा खरीद ली है। फागिंग करने से पहले विभाग की ओर से आदेश आते हैं और निगम की तरफ से पहले एक शेड्यल तैयार किया जाता है। इसमें एक दिन में तीन से चार वार्डाें को कवर करने का टारगेट रखा जाता है। इसका मकसद होता है कि शहर का कोई हिस्सा फागिंग से अछूता न रह जाए।

दूसरी तरफ सिविल सर्जन एसपी सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें डोर टू डोर सर्वे में जुटी हुई हैं। इसमें टीमों को लगातार डेंगू का लारवा मिल रहा है और जिले में अभी तक डेंगू के तीन मरीज भी मिल चुके हैं। ऐसे में निगम की टीमों को तत्काल प्रभाव से फागिंग शुरू कर देनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में आदेश आ चुके हैं।

रोजाना लगेगी 30 हजार की दवा

निगम की तरफ से फागिंग के लिए डीजल और दवा का इस्तेमाल किया जाता है। एक लीटर डीजल के लिए सात मिलीलीटर दवा लगती है। बड़ी मशीन में 100 लीटर डीजल के साथ 700 एमएल दवा को मिक्स किया जाता है। इसी क्रम में छोटी मशीन में पांच लीटर डीजल आता है, उसके साथ 35 एमएल दवा को डाला जाता है। ऐसे में निगम को प्रतिदिन फागिंग के लिए 15 लीटर दवा चाहिए होगी। अगर सभी मशीनें एक बार पूरी तरह तैयार होकर चलती है। एक लीटर दवा की कीमत दो हजार रुपये है। इस तरह रोजाना करीब 30 हजार रुपये की दवा लगेगी।

रोज होगी 1900 लीटर डीजल की खपत

नगर निगम के पास इस समय 14 बड़ी फागिंग मशीनें है। फागिंग करने के लिए एक बार में 100 लीटर डीजल डाला जाता है। इस तरह 1400 लीटर डीजल हर दिन बड़ी मशीनों में डालना होगा। इसके साथ निगम ने प्रत्येक वार्ड में एक छोटी मशीन दे रखी है। इसमें भी एक बार में पांच लीटल डीजल डाला जाता है।

ऐसे में 95 वार्डाें के लिए 475 लीटर डीजल प्रतिदिन इन मशीनों में डाला जाएगा। ऐसे में प्रतिदिन शहर में फागिंग के लिए 1875 लीटर डीजल चाहिए होगा। इसके अलावा अधिक एरिया कवर करने के लिए कई मशीनों में दोबारा भी डीजल डालना पड़ सकता है। ऐसे में रोजाना करीब 1900 लीटर डीजल के लिए निगम को हर दिन 1.61 लाख रुपये खर्च करने होंगे।


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